________________ श्रीभगवत्यङ्गं श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-३ // 1296 // 20 शतके उद्देशक:५ सूत्रम् 668 परमाण्वादिवर्णादिः 2 सिय उसिणे य, निद्धेय 3 सिय उसिणे य, लुक्खे य 4 // 2 दुप्पएसिएणं भंते! खंधे क०? एवं जहा अट्ठारसमसए छट्ठद्देसए जाव सिय चउफासे पन्नत्ते, जड़ एगवन्ने सिय कालए जाव सिय सुकिल्लए, जइ दुवन्ने सिय कालए नीलए य१सिय कालए य, लोहिए य रसिय का० य, हालिद्दए य ३सिय का०य, सुकिल्लए य 4 सिय नीलए, लोहिए 5 सिय नी०, हालिद्द०६ सिय नी० य, सु० य ७सिय लोहिए य, हालिद्दए य 8 सिय लो० य, सुक्किलए य ९सिय हालिद्दए य, सु० य 10 एवं एए दुयासंजोगे दस भंगा। जइ एगगंधे सिय सुब्भिगंधे 1 सिय दुब्भिगंधे य र जइ दुगंधे सुब्भिगंधे यरसेसुजहा वन्नेसुजइ दुफासे सिय सीए य, निद्धे य एवं जहेव परमाणुपोग्गले 4, जइ तिफासे सव्वे सीए, देसे निद्धे, देसे लुक्खे १सव्वे उसिणे, देसे निद्धे, देसे लुक्खे 2 सव्वे निद्धे, देसे सीए, देसे उसिणे ३सव्वे लु०, देसे सीए, देसे उसिणे 4 जइचउफासे देसे सीए, देसे उसिणे, देसे निद्धे, देसे लुक्खे 1 एए नव भंगा फासेसु॥३तिपएसिएणं भंते! खंधेक० जहा अट्ठारसमसए छट्ठदेसे जाव चउफासे प०, जइ एगवन्ने सिय कालए जाव सुकिल्लए 5 जइ दुवन्ने सिय कालए य, सिय नीलगे य 1 सिय कालगे य, नीलगा य 2 सियकालगा य, नीलए य 3 सिय कालए य, लोहियए य 1 सिय कालए य, लोहीयगाय 2 सिय कालगाय, लोहियए य ३एवं हालिद्दएणविसमभंगा ३एवं सुक्किलएणवि समं३सिय नीलए य, लोहियएय एत्थंपि भंगा 3 एवं हालिद्दएणवि समं भंगा 3 एवं सुष्णवि समं भंगा ३सिय लोहियए य, हालिद्दए य, भङ्गा 3 एवं सु०णवि समं 3 सिय हालिद्दए य, सुकिल्लए य, भंगा 3 एवं सव्वे ते दस दुयासंजोगा भंगा तीसं भवंति, जड़ तिवन्ने सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य 1 सिय का० य, नी० य, हालिद्दए य 2 सिय का. य, नी० य, सुकिल्लए य 3 सिय का० य, लोहियए य, हालिद्दए य 4 सिय का० य, लो० य सु० य५सिय का० य, हा० य, सु० य 6 सिय नी० य, लो० य, हा० य ७सिय नीलए य, लोहिए य, सु० य८ सिय नी० य, हा० य, सु० य ९सिय लो० य, हा० य, सु० य 10 एवं एए दस तियासंजोगा। जइ एगगंधे सिय सुन्भिगंधे 1 सिय // 1296 //