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________________ उद्देशकः 10 श्रीभगवत्यङ्ग श्रीअभय. वृत्तियुतम् भाग-३ // 1261 // स्पृष्टता वाउपुच्छा, गोयमा! अपएसिए खंधे वाउयाएणं फुडे वाउयाए अपएसिएणं खंधेणं सिय फुडे सिय नो फुडे // 5 वत्थी भंते! 18 शतके वाउयाएणं फुडे वाउयाए वत्थिणा फुडे?, गोयमा! वत्थी वाउयाएणं फुडे नो वाउयाए वत्थिणा फुडे / / सूत्रम् 644 // सूत्रम् परमाणुपोग्गले ण मित्यादि, वाउयाएणं फुडे त्ति परमाणुपुद्गलो वायुकायेन 'स्पृष्टः' व्याप्तो मध्ये क्षिप्त इत्यर्थः नो वाउयाए / 643-645 अस्यादिना इत्यादिनोवायुकायः परमाणुपुद्गलेन 'स्पृष्टः' व्याप्तोमध्ये क्षिप्तः, वायोमहत्त्वादणोश्च निष्प्रदेशत्वेनातिसूक्ष्मतया व्यापकत्वा वैक्रियस्याभावादिति // 2 // अणंतपएसिए ण मित्यादि, अनन्तप्रदेशिकः स्कन्धो वायुना व्याप्तो भवति सूक्ष्मतरत्वात्तस्य, वायुकायः च्छेदः वायुपुनरनन्तप्रदेशिकस्कन्धेन स्याद् व्याप्तः स्यान्न व्याप्तः, कथं?, यदा वायुस्कन्धापेक्षया महानसौ भवति तदा वायुस्तेन परमाण्वादेः व्याप्तो भवत्यन्यदा तु नेति // 4 // वत्थी त्यादि, 'वस्तिः' दृतिर्वायुकायेन स्पृष्टः व्याप्तः सामस्त्येन तद्विवरपरिपूरणात् नो पृथ्व्या अधो द्रव्याणि वायुकायो वस्तिना स्पृष्टो वस्तेर्वायुकायस्य परित एव भावात् / / 5 // // 644 // अनन्तरं पुद्गलद्रव्याणि स्पृष्टत्वधर्मतो निरूपितानि, अथ वर्णादिभिस्तान्येव निरूपयन्नाह ६अत्थिणं भंते! इमीसे रयणप्पभाए पुढ० अहे दव्वाइंवन्नओकालनीललोहियहालिद्दसुकिलाइंगंधओसुब्भिगंधाइंदुब्भिगंधाइं रसओ तित्तकडुयकसायअंबिलमहुराइंफासओ कक्खडमउयगरुयलहुयसीयउसिणनिद्धलुक्खाइं अन्नमनबद्धाइं अन्नमन्नपुट्ठाईजाव अन्नमनघडताए चिटुंति?, हंता अस्थि, एवं जाव अहेसत्तमाए। अत्थिणंभंते! सोहम्म० कप्पस्स अहे एवं चेव एवं जावईसिपब्भाराए पुढ० / सेवं भंते! 2 जाव विहरइ / तएणं समणे भगवं महावीरे जाव बहिया जणवयविहारं विहरति ॥सूत्रम् 645 // 8 // 1261 // अत्थी त्यादि, अन्नमन्नबद्धाइंति गाढाश्लेषत: अन्नमन्नपुट्ठाईत्ति आगाढाश्लेषतः, यावत्करणात् अन्नमन्नओगाढाइंति एकक्षेत्राश्रितानीत्यादि दृश्यम्, अन्नमन्नघडत्ताए त्ति परस्परसमुदायतया // 6 // // 645 // अनन्तरं पुद्गलद्रव्याणि निरूपितानि, अथात्म
SR No.600445
Book TitleVyakhyapragnaptisutram Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDivyakirtivijay
PublisherShripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
Publication Year2012
Total Pages562
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size38 MB
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