________________ श्रीभगवत्यङ्ग श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-२ // 586 // अन्नाणाई भयणाए, 78 तस्स अलद्धियाणं पुच्छा, गोयमा! नाणी नो अ०, पंच नाणाई भयणाए जहा अन्नाणस्स लद्धिया अलय भणिया एवं मइअन्नाणस्स सुयअन्नाणस्स यल० अ० य भाणियव्वा / विभंगनाणल. तिन्नि अन्नाणाई नियमा, तस्स अल. पंच नाणाई भयणाए दो अन्नाणाई नियमा॥७९ दंसणलणं भंते! जीवा किं नाणी अ.?, गोयमा! नाणीवि अन्नाणीवि, पंच नाणाई तिन्नि अ० भयणाए, 80 तस्स अलणं भंते! जीवा किं नाणी अ०?, गोयमा! तस्स अलद्धिया नत्थि / सम्मइंसणलद्धियाणं पंच नाणाईभयणाए, तस्स अलद्धियाणं तिन्नि अ० भयणाए, 81 मिच्छादसणलद्धिया णंभंते! पुच्छा, तिन्नि अन्नाणाई भयणाए, तस्स अलद्धियाणं पंच नाणाई तिन्नि य अ० भयणाए, सम्मामिच्छादसणलद्धिया य अलद्धिया जहा मिच्छादसणलद्धी अलद्धी तहेव भाणियव्वं / / 82 चरित्तलद्धियाणं भंते! जीवा किं नाणी अ०?, गोयमा! पंच नाणाईभयणाए, तस्स अल० मणपज्जवनाणवजाई चत्तारि नाणाई तिन्नि य अन्ना० भयणाए, ८३सामाइयचरित्तलद्धिया णं भंते! जीवा किं नाणी अ०?, गोयमा! नाणी केवलवज्जाई चत्तारि ना० भयणाए, तस्स अल. पंच ना० तिन्नि य अन्ना० भयणाए, एवं जहा सामाइयचरित्तलद्धिया अल. य भणिया एवं जहा जाव अहक्खायचरित्तलद्धिया अल० य भाणियव्वा, नवरं अहक्खायचरित्तलद्धिया(णं) पंच नाणाइंभ०, 84 चरित्ताचरित्तलद्धिया णंभंते! जीवा किं नाणी अ०?, गोयमा! नाणी नो अ०, अत्थे० दुण्णाणी अत्थे तिन्नाणी, जे दुन्नाणी ते आभिणिबोहिय० य सुय० य, जे तिन्नाणी ते आभि० सुयना० ओहिना०, तस्स अल. पंच नाणाई तिन्नि अन्ना० भयणाए 4 // दाणलणं पंच नाणाई तिन्नि अन्ना० भयणाए, 85 तस्स अ० पुच्छा, गोयमा! नाणी नो अ०, नियमा एगनाणी केवलनाणी / एवं जाव वीरियस्सलद्धी अलद्धी य भाणियव्वा / बालवीरियल तिन्नि ना तिन्नि अन्ना० भयणाए, तस्स अलद्धियाणं पंच नाणाई भयणाए। पंडियवीरियल• पंच नाणाईभयणाए, तस्स अलणं मणपज्जवनाणवजाइंणाणाइं अन्नाणाणि तिन्नि य भयणाए। बालपंडियवीरियल० भंते! जीवा० 8 शतके उद्देशकः 2 आशीविषा8 धिकारः। सूत्रम् 320 ९लब्धिद्वारम्। ज्ञानादिदशलब्धिभेदप्रभेद प्रश्नाः। ज्ञानादिलब्धिमत्सुतद्ररहितेषु च ज्ञानाज्ञानादि प्रश्राः / // 586 //