________________ श्रीभगवत्यह श्रीअभय. वृत्तियुतम् भाग-२ // 585 // कति०प०?, गोयमा! एगागारा प०, एवं जाव उवभोग० एगागारा पन्नत्ता / / 65 वीरियलद्धी णंभंते! कति०प०?, गोयमा! तिविहा प०, तंजहा- बालवीरिय पंडियवीरिय० बालपंडियवीरिय० ।६६इंदियलद्धी णं भंते! कति०प०?, गोयमा! पंचविहा प०, तंजहासोइंदियलद्धी जाव फासिंदिय० // 67 नाणलद्धिया णं भंते! जीवा किं नाणी अन्नाणी?, गोयमा! नाणी नो अ०, अत्थेगतिया दुन्नाणी, एवं पंच नाणाईभयणाए। 68 तस्स अलद्धीया णं भंते! जीवा किं नाणी अ०?, गोयमा! नो नाणी अ०, अत्थे० दुअन्नाणी तिनि अन्नाणाणि भयणाए। 69 आभिणिबोहियणाणलद्धिया णं भंते! जीवा किं नाणी अ०?, गोयमा! नाणी नो अ०, अत्थे० दुन्नाणी चत्तारि नाणाई भयणाए। 70 तस्स अलद्धिया णं भंते! जीवा किं नाणी अ०?, गोयमा! नाणीवि अन्नाणीवि, जे नाणी ते नियमा एगनाणी केवलनाणी, जे अन्नाणी ते अत्थे दुअ० तिन्नि अन्नाणाई भयणाए। एवं सुयनाणलद्धीयावि, तस्स अलद्धीयावि जहा आभिणिबोहियनाणस्स (अ)लद्धीया। 71 ओहिनाणलद्धीया णं पुच्छा, गोयमा! नाणी नो अ०, अत्थे• तिन्नाणी अत्थे० चउनाणी, जे तिन्नाणी ते आभिणिबोहियनाणी सुय० ओहि०,जे चउनाणी ते आभिणिबोहियः सुय० ओहि मणपजवनाणी। 72 तस्स अलद्धीयाणं भंते! जीवा किं नाणी,गोयमा! नाणीवि अन्नाणीवि। एवं ओहिनाणवजाइंचत्तारि नाणाईतिन्नि अन्नाणाई भयणाए। 73 मणपज्जवनाणलद्धिया णं पुच्छा, गोयमा! णाणी णो अ०, अत्थे० तिन्नाणी अत्थे चउनाणी, जे तिन्नाणी ते आभिणिबोहिय सुय० मणपज्जव०, जे चउनाणी ते आभिणिबोहिय. सुय० ओहि० मणपज्जव०,७४ तस्स अलद्धीया णं पुच्छा, गोयमा! णाणीवि अन्नाणीवि, मणपज्जवणाणवज्जाइंचत्तारिणाणाई, तिन्नि अन्नाणाई भयणाए।७५ केवलनाणलद्धियाणं भंते ! जीवा किं नाणी अ०?, गोयमा! नाणी नो अ०, नियमा एगणाणी केवलनाणी, 76 तस्स अलद्धियाणं पुच्छा, गोयमा! नाणीवि अन्नाणिवि, केवलनाणवजाईचत्तारिणाणाई तिन्नि अ० भयणाए॥७७ अन्नाणलद्धिया णं पुच्छा, गोयमा! नो नाणी अ०, तिन्नि 8 शतके उद्देशक:२ आशीविषा|धिकारः। सूत्रम् 320 ९लब्धिद्वारम्। ज्ञानादिदशलब्धिभेदप्रभेद प्रश्नाः। ज्ञानादिलब्धिमत्सुतद्ररहितेषु च ज्ञानाज्ञानादि प्रश्नाः / // 585 //