________________ श्रीभगवत्यङ्गं श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-२ // 1079 // गोयमा! इत्यादि, मणोदव्ववग्गणाओ लद्धाओ त्ति मनोद्रव्यवर्गणा लब्धास्तद्विषयावधिज्ञानलब्धिमात्रापेक्षया पत्ताओ त्ति प्राप्तास्तद्रव्यपरिच्छेदतः, अभिसमन्नागयाओ त्ति, अभिसमन्वागताः तद्गुणपर्यायपरिच्छेदतः, अयमत्र गर्भार्थः, अनुत्तरोपपातिका देवा विशिष्टावधिना मनोद्रव्यवर्गणा जानन्ति पश्यन्ति च, तासां चावयोरयोग्यवस्थायामदर्शनेन निर्वाणगमनं निश्चिन्वन्ति,ततश्चावयोर्भावितुल्यतालक्षणमर्थं जानन्ति पश्यन्ति चेति व्यपदिश्यत इति // 522 // तुल्यताप्रक्रमादेवेदमाह ३कइविहेणं भंते! तुल्लए प०?, गोयमा! छव्विहे तुल्लए प०, तंजहा- दव्वतु० खेत्ततु कालतु भवतु भावतु संठाणतु०, 4 से केणद्वेणं भंते! एवं वु० दव्वतुल्लए?, गोयमा! परमाणुपोग्गले परमाणुपोग्गलस्स दव्वओतुल्ले परमाणुपोग्गले परमाणुपोग्गलवइरित्तस्स द० णो तुल्ले, दुपएसिए खंधे दुपएसियस्स खंधस्स द. तुल्ले दुपएसिए खंधे दुपएसियवइरित्तस्स खंधस्स द० णो तुल्ले एवं जाव दसपएसिए, तुल्लसंखेजपएसिए खंधे तुल्लसंखेजपएसियस्स खंधस्स द. तुल्ले, तुल्लसंखेजपएसिए खंधे तुल्लसंखेजपएसियवइरित्तस्स खंधस्स द० णो तुल्ले, एवं तुल्लअसंखे वि एवं तुल्लअणं वि, से तेणटेणं गोयमा! एवं वु० द० तुल्लए। 5 से केणतुणं भंते! एवं वु० खेत्ततु० 2?, गोयमा! एगपएसोगाढे पो० एगपएसोगाढस्स पोग्गलस्स खे. तुल्ले एगपएसोगाढे पोग्गले एगपएसोगाढवइरित्तस्स पोग्गलस्स खेत्तओ णो तुल्ले, एवं जाव दसपएसोगाढे, तुल्लसंखेज्जपएसोगाढे तुल्ल्लसंखेज एवं तुल्ल्लअसंखेजपएसोगाढेवि, से तेणटेणं जाव खेत्ततु० 2 / 6 से केणटेणं भंते! एवं वुच्चइ कालतु० 2?, गोयमा! एगसमयठितीए पोग्गले एग० 2 कालओ तुल्ले, एगसमयठितीए पो एगसमयठितीवइरित्तस्स पोग्गलस्स का० णो तुल्ले एवं जाव दससमयट्ठितीए तुल्लसंखेजसमयठितीए एवं चेव, एवं तुल्लअसंखेजसमयट्ठितीएवि, से तेण जाव कालतु / 7 से केण भंते! एवं वु० भवतु.?, गोयमा! ने० नेरइयस्स भवट्ठयाए तुल्ले, नेरइयवइरित्तस्स भवट्ठयाए नो तुल्ले तिरिक्खजोणिए एवं चेव, एवं मणुस्से, एवं देवेवि, से तेण जाव भवतु / 8 सेकेण० भंते! 14 शतके उद्देशकः 7 संश्लिष्टशब्दोपलक्षिताधिकारः। सूत्रम् 523 द्रव्यक्षेत्रकालभवभावसंस्थानतुल्यताप्रश्नाः / // 1079 //