________________ श्रीभगवत्यङ्ग श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-२ // 940 // एग• चउप्पएसिए खंधे भ० अहवा एग० परमाणुपो० एग• दुपएसिए खंधे एगयओ दो तिपएसिया खंधा भ० अहवा एग• तिन्नि दुप्पएसिया खंधा एग तिपएसिए खंधे भ०, पंचहा कज्जमाणे एगयओ चत्तारि परमाणुपो० एग० पंचपएसिए खंधे भ० अहवा एग० तिन्नि परमाणुपो० एगयओ दुपएसिए• एग० चउप्पएसिए खंधे भ० अहवा एग० तिन्नि परमाणुपो० एग० दो तिपएसिया खंधा भ० अहवा एग० दो परमाणुपो०, एग० दो दुपएसिया खंधा, एग तिपएसिए खंधे भ०, अहवा एग० परमाणुपो०, एग• चत्तारि दुपएसिया खंधा भवंति, छहा कजमाणे एग० पंच परमाणुपो०, एग० चउप्पएसिए खंधे भ०, अहवा एग० चत्तारि परमाणुपो०, एग० दुप्पएसिए०, एग० तिपएसिए खंधे भ०, अहवा एग० तिन्नि परमाणु० एग० तिन्नि दुप्पएसिया खंधा भवंति, सत्तहा कत्रमाणे एगयओ छ परमाणुपो०, एग तिप्पएसिए खंधे भ० अहवा एग० पंच परमाणु०, एग० दो दुपएसिया खंधा भवंति, अट्ठहा कज्जमाणे एगयओ सत्त परमाणुपो० एगयओ दुपएसिए खंधे भवति, नवहा कज्जमाणे नव परमाणुपो० भ० // 9 दस भंते! परमाणुपो० जाव दुहा कजमाणे एगयओ परमाणुपो० एग. नवपएसिए खंधे भ० अहवा एग दुपएसिए खंधे एग० अट्ठ पएसिए खंधे भ० एवं एक्वेक सं(चरिंति)चारे(रंतेणं)यव्वंति जाव अहवा दो पंच पएसियाखंधा भवंति, तिहा कज्जमाणे एगयओदो परमाणुपो०, एग० अट्ठपएसिए खंधे भ० अहवा एग० परमाणुपो०, एग दुपएसिए० एग० सत्तपएसिए खंधे भ० अहवा एग० परमाणुपो० एगयओ तिपएसिए खंधे भ० एग० छप्पएसिएखंधे भ० अहवा एगयओ परमाणुपो० एग चउप्पएसिए एग० पंचपएसिए खंधे भ० अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे एग दो चउप्पएसिया खंधा भवंति अहवा एग दो तिपएसिया खंधा एग० चउप्पएसिए खंधे भ०, चउहा कज्जमाणे एग० तिन्नि परमाणुपो० एग सत्तपएसिए खंधे भ० अहवा एग० दो परमाणुपो० एग० दुपएसि० एग० छप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दो परमाणुपो० एग० तिप्पएसिए खंधे एग० पंचपएसिए खंधे भ० अहवा एग० दो परमाणुपो० एग० दो चउप्पएसिया 12 शतके उद्देशक:४ पुद्रलाधिकारः। सूत्रम् 445 एकद्विव्यादिदश यावत्सङ्ख्येयासङ्घयेयानन्ताणुएकतयास्कन्धेनभेदेन च स्कन्धादिभङ्गाः / // 940 //