________________ श्रीभगवत्यङ्ग श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-२ // 843 // 10 शतके उद्देशक:५ चमराधग्रमहिष्यधिकारः। सूत्रम् 405-406 चमराद्य ग्रमहिषी महारन्नो कति अग्गमहिसीओप०?, अजो! चत्तारि अग्गमहिसीओप०, तंजहा- मीणगा सुभद्दा विजया असणी, तत्थ णं एगमेगाए देवीए सेसंजहा चमरसोमस्स, एवं जाव वेसमणस्स / / 10 धरणस्सणं भंते! नागकुमारिंदस्स 2 कति अग्गमहिसीओप०?, अज्जो छ अग्गमहिसीओप०, तंजहा- इला सुक्का सदारा सोदामणी इंदा घणविजुया, तत्थ णं एगमेगाए देवीए छ छ देविसहस्सा परिवारो प०, 11 पभू णं भंते! ताओ एगमेगा(ए) देवीए अन्नाई छ छ देविसहस्साई परियारं विउवित्तए एवामेव सपुव्वावरेणं छत्तीसं देविसहस्साई, सेत्तं तुडिए। पभूणं भंते! धरणे सेसंतंचेव, नवरं धरणाएरायहाणीए धरणंसि सीहासणंसिसओ परियाओसंसे(सेस) तं चेव / 12 धरणस्स णं भंते! नागकुमारिंदस्स कालवालस्स लोगपालस्स महारन्नो कति अग्गमहिसीओ प.?, अज्जो! चत्तारि अग्गमहिसीओ प०, तंजहा- असोगा विमला सुप्पभा सुदंसणा, तत्थ णं एगमेगाए अवसेसं जहा चमरस्स लोगपालाणं, एवं सेसाणं तिण्हवि। 13 भूयाणं(णिं)दस्सणं भंते! पुच्छा, अज्जो! छ अग्गमहिस्सीओप०, तंजहा- रूया रूयंसा सुरूया रुयगावती रुयकता रुयप्पभा, तत्थ णं एगमेगाए देवीए अवसेसं जहा धरणस्स, 14 भूयाणंदस्स णं भंते! नागवित्तस्स पुच्छा अजो! चत्तारि अग्गमहिसीओप०, तंजहा-सुणंदा सुभद्दा सुजाया सुमणा, तत्थ णं एगमेगाए देवीए अवसेसं जहा चमरलोगपालाणं एवं सेसाणं तिण्हवि लोगपालाणं, जे दाहिणिल्लाणिंदा तेसिं जहा धरणिंदस्स, लोगपालाणंपि तेसिं जहा धरणस्स लोगपालाणं, उत्तरिल्लाणं इंदाणं जहा भूयाणंदस्स, लोगपालाणवि तेसिं जहा भूयाणंदस्स लोगपालाणं, नवरं इंदाणंसव्वेसिं रायहाणीओसीहासणाणि य सरिसणामगाणि परियारो जहा तइयसए पढमे उद्देसए, लोगपालाणंसव्वेसिंरायहाणीओसीहासणाणि यसरिसनामगाणि परियारो जहा चमरस्स लोगपालाणं कालस्स। 15 कालस्सणं भंते! पिसायिंदस्स पिसायरन्नो कति अग्गमहिसीओ प०?, अज्जो! चत्तारि अग्गमहिसीओ प०, तंजहा- कमला कमलप्पभा उप्पला सुदंसणा, तत्थ णं एगमेगाए देवीए एगमेगं देविसहस्सं सेसं जहा संख्या, | जिनास्थिसंनिधौ भोगसामर्थ्यः तद्वत्सोमादि बलीन्द्रादि यावच्छक्रेशानादिसम्बन्धी स्थविरप्रश्नाः // 843 //