SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 32
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्रीभगवत्यन श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-२ // 554 // 8 शतके उद्देशकः१ पुद्गलपरिणामाधिकारः। सूत्रम् 310 एकेन्द्रियप्रयोगपरिणतादिनवदण्डकप्रश्नाः / पिसाया जाव गंधव्वा, जोइसिया पंचविहा प०, तंजहा-चंदविमाणजोतिसिय जाव ताराविमाणजोतिसियदेव०, वेमाणिया दुविहा प० तंजहा- कप्पोववन्न० कप्पातीतगवेमाणिय०, कप्पोवगा दुवालसविहा प०, तंजहा- सोहम्मकप्पोवग० जाव अचुयकप्पोवगवे० / कप्पातीत०, गो०! दुविहा प० तंजहा- गेवेजकप्पातीतवे० अणुत्तरोववाइयकप्पातीतवे०, गेवेजकप्पातीतगा नवविहा प० तंजहा- हेट्ठिम 2 गेवेजगकप्पातीतग० जाव उवरिम 2 गेविज्जगकप्पातीय० / 16 अणुत्तरोववाइयकप्पातीतगवेमाणियदेवपंचिंदियपयोग० णं भंते! पोग्गला कइविहा प०?, गोयमा! पंचविहा प० तंजहा- विजयअणुत्तरोववाइय० जाव परिण• जाव सव्वट्ठसिद्धअणुत्तरोववाइयदेवपंचिंदिय जाव परिणया (दं०)?॥१७ सुहुमपुढविकाइयएगिदियपयोग० णं भंते! पोग्गला कइविहा प०? गोयमा! दुविहा प० (केई अपज्जत्तगं पढम भणंति पच्छा पज्जत्तगं,) पज्जत्तग(त्ता)सुहुमपुढविकाइय जाव परिणया य अपज्जत्त(त्ता)सुहुमपुढविकाइय जाव परिणया य, बादरपुढविकाइयएगिदिय० जाव वणस्सइकाइया, एक्वेक्का दुविहा पो०- सुहुमा य बादराय पज्जत्तगा अप० य भाणियव्वा / 18 बेंदियपयोगपरिणया णंपुच्छा, गोयमा! दुविहा प० तंजहा- पज्जत्तबेंदियपयोग० य अपज्जत्तग जाव परिणया य, एवं तेइंदियावि एवं चउरिंदियावि।१९रयणप्पभापुढविनेरइय० पुच्छा, गोयमा! दुविहा प० तंजहापज्जत्तगरयणप्पभापुढवि जाव परिणया य अपज्जत्तग जाव परिणया य, एवं जाव अहेसत्तमा / 20 संमुच्छिमजलयरतिरिक्खपुच्छा, गोयमा! दुविहा प० तंजहा- पजत्तग० अपजत्तग०, एवं गब्भवक्वंतियावि, संमुच्छिमचउप्पयथलयरा एवं चेव गब्भव० य, एवं जाव संमुच्छिमखहयरगन्भव० य एक्वेक्के पज्जत्तगा य अपज्ज० य भाणियव्वा / 21 समुच्छिममणुस्सपंचिंदियपुच्छा, गोयमा! एगविहा प० अपज्जत्तगा चेव / 22 गब्भवक्त्रंतियमणुस्सपंचिंदियपुच्छा, गोयमा! दुविहा प० तंजहा- पज्जत्तगगब्भवक्वंतियावि अपज्जत्तगगब्भव०वि / 23 असुरकुमारभवणवासिदेवाणं पुच्छा, गोयमा! दुविहा प० तंजहा- पज्जत्तगअसुरकु० अपज्जत्तग // 554 //
SR No.600444
Book TitleVyakhyapragnaptisutram Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDivyakirtivijay
PublisherShripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
Publication Year2012
Total Pages574
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy