________________ श्रीभगवत्य श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-२ // 825 // 10 शतके उद्देशकः१ दिगधिकारः। सङ्ग्रहगाथा। सूत्रम् 394 पूर्वादिदिग्रूपप्रकारनामादिप्रश्नाः / नामधेजा प०, तंजहा- इंदा 1 अग्गेयी 2 जमा य 3 नेरती 4 वारुणी 5 वायव्वा 6 सोमा 7 ईसाणी य 8 विमला य९तमा य 10 बोद्धवा। 6 इंदा णं भंते! दिसा किं जीवा जीवदेसा जीवपएसा अजीवा अजीवदेसा अजीवपएसा?, गोयमा! जीवावि 3 तं चेव जाव अजीवपएसावि, जे जीवा ते नियमा एगिदिया बेई. जाव पंचिं० अणिं०, जे जीवदेसा ते नियमा एगिंदियदेसा जाव अणिंदियदेसा, जे जीवपएसा ते एगिंदियपएसा बे०पएसा जाव अणिंदियपएसा, जे अजीवा ते दुविहा प०, तंजहा-रूवी अजीवा य अरूवी अजीवा य, जे रूवी अ० ते चउव्विहा प०, तंजहा-खंधा१खंधदेसारखंधपएसा 3 परमाणुपोग्गला 4, जे अरूवी अ० ते सत्तविहा प०, तंजहा- नोधम्मत्थिकाए धम्मत्थिकायस्स देसे धम्मत्थिकायस्स पएसा नोअधम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकायस्स देसे अधम्मत्थिकायस्सपएसा नोआगासत्थिकाए आगासत्थिकायस्स देसे आगासत्थिकायस्स पएसा अद्धासमए।७ अग्गेई(यी) णंभंते! दिसा किंजीवाजीवदेसाजीवपएसा? पुच्छा, गोयमा! णोजीवा जीवदेसावि१जीवपएसावि 2 अजीवावि 1 अजीवदेसावि 2 अजीवपएसावि 3, जे जीवदेसा ते नियमा एगिदियदेसा अहवा ए०देसा य बेइंदियस्स देसे 1 अहवा ए देसा य बेस्स देसा 2 अहवाए देसाय बेइंदियाण य देसा 3 अहवा एगिदिय(स्स)देसा तेइंदियस्स देसे एवं चेव तियभंगो भाणियव्वो एवं जाव अणिंदियाणं तियभंगो, जे जीवपएसा ते नियमा ए पएसा अहवा ए.पएसा य बेस्स पएसा अहवा एपदेसा य बेइंदियाण य पएसा एवं आइल्लविरहिओ जाव अणिंदियाणं, जे अजीवा ते दुविहा प०, तंजहा- रूविअजीवा य अरूवी अ य जे रूवी अ० ते चउव्विहा प०, तंजहा-खंधा जाव परमाणुपोग्गला 4, जे अरूवी अ० ते सत्तविहा प०, तंजहा- नो धम्मत्थिकाए धम्मत्थिकायस्स देसे धम्मत्थिकायस्स पएसा एवं अधम्मत्थिकायस्सविजाव आगासत्थिकायस्स पएसा अद्धासमए। विदिसासु नत्थि जीवा देसे भंगो य होइ सव्वत्थ। 8 जमा णं भंते! दिसा किं जीवा जहा इंदा तहेव निरवसेसा नेरई य जहा अग्गेयी वारुणी जहा इंदा वायव्वा जहा // 825 //