________________ श्रीभगवत्यङ्गं श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-२ // 739 // रयण तिन्नि अहेसत्त होज्जा 6 अ० दो रयण दो सक्कर होजा एवं जाव अ० दो रयण दो अहेसत्त होज्जा 12, अ० तिन्निरयण. एगे सक्कर होजा, एवं जाव अ० तिन्नि रयण एगे अहेसत्त० होजा 18, अ० एगे सक्कर तिन्नि वालुय० होजा, एवं जहेव रयण. उवरिमाहिं समंचारियंतहा सक्करप्पभाएवि उवरिमार्हिसमंचारेयव्वं 5, एवं एक्वेक्काए समचारियव्वंजाव अहवा तिन्नि तमाए एगे अहेसत्त होज्जा 12-6-3-(63) अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० दो वालुय० होजा, अ० एगे रयण० एगे सक्कर दो पंक. होजा, एवं जाव (अहवा) एगेरयण• एगे सक्कर दो अहेसत्त होज्जा 5 अहवा एगे रयण दो सक्कर० एगेवालुय० होज्जा एवं जाव अ० एगे रयण दो सक्कर एगे अहेसत्त होज्जा 10 अ० दोरयण एगे सक्कर० एगे वालुय० होज्जा, एवं जाव अ० दो रयण० एगे सक्कर० एगे अहेसत्त होज्जा 15 अहवा एगे रयण० एगे वालुय० दो पंक० होज्जा (एवं) जाव अ० एगे रयण एगे वालुय० दो अहेसत्त० होज्जा 4 एवं एएणं गमएणं जहा तिण्हं तिय(या) जोगो तहा भाणियव्वो जाव अ० दो धूम० एगे तमाए एगे अहेसत्त होज्जा 105 अ० एगे रयण एगे सक्कर० एगे वालुय० एगे पंक० होज्जा 1 अ० एगे रयण एगे सक्कर० एगे वालुय० एगे धूम होज्जा 2 अहवा एगे रयण. एगे सक्कर० एगे वालुय० एगे तमाए होज्जा 3 अहवाएगे रयण० एगे सक्कर. एगेवालुय एगे अहेसत्तमाए होज्जा 4 अ. एगे रयण एगे सक्कर० एगे पंक० एगे धूमप्पभाए 5 अहवा एगे रयण एगे सक्कर० एगे पंकप्पभा० एगे तमाए होज्जा 6 अ० एगे रयण एगे सक्कर० एगे पंक० एगे अहेसत्त होज्जा 7 अ० एगे रयणप्पभाए एगे सक्कर एगे धूम० एगे तमाए होज्जा 8 अहवा एगे रयण० एगे सक्कर एगे धूम० एगे अहेसत्तमाए होज्जा 9 अहवा एगे रयण एगे सक्कर० एगे तमाए एगे अहेसत्त होज्जा 10 अ० एगे रयण एगे वालुय० एगे पंक० एगे धूम होज्जा 11 अ० एगे रयण एगे वालुय० एगे पंक एगे तमाए होज्जा 12 अ० एगे रयण एगे वालुय० एगे पंक० एगे अहेसत्त० होज्जा 13 अ० एगे रयण एगे वालुय० एगे धूम० एगे तमाए होज्जा 14 अ० एगे रयण एगे वालुय० एगे धूम० एगे ९शतके उद्देशकः 32 गाङ्गेयाधिकारः। सूत्रम् 373 (अपूर्णम्) प्रवेशनकप्रकारप्रश्नः। नैरयिकप्रवेशनके, एकद्वित्रिचतुर्नारकजीवप्रवेशनके विविधभङ्गप्रश्नाः / 8 // 739 //