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________________ श्रीभगवत्यङ्ग श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-१ // 48 // 38888888888888888 कयरे कयरे अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा?, गोयमा! सव्वत्थोवा पुग्गला अणासाइजमाणा अफासाइजमाणा अणंतगुणा, बेइंदियाणं भंते! जे पोग्गला आहारत्ताए गिण्हंति ते णं तेसिं पुग्गला कीसत्ताए भुजो भुजो परिणमंति?, गोयमा! जिभिंदिय फासिंदिय वेमायत्ताए भुजो भुजो परिणमंति, बेइंदियाणं भंते! पुव्वाहारिया पुग्गला परिणया तहेव जाव चलियं कम्म निज़रंति। तेइंदियचउरिंदियाणं णाणत्तं ठिईए जाव णेगाइं च णं भागसहस्साई अणाघाइजमाणाई अणासाइज्जमाणाई अफासाइजमाणाई विद्धंसमागच्छंति, एएसि णं भंते! पोग्गलाणं अणाघाइज्जमाणाई 3 पुच्छा, गोयमा! सव्वत्थोवा पोग्गला अणाघाइजमाणा अणासाइजमाणा अणंतगुणा अफासाइजमाणा अणंतगुणा, तेइंदियाणंघाणिंदियजिभिंदियफासिंदियवेमायाए भुजो 2 परिणमंति, चउरिदियाणं चक्खिंदियघाणिंदियजिनिभदियफासिंदियत्ताए भुजो भुजो परिणमंति। पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं ठिई भणिऊणं ऊसासो वेमायाए, आहारो अणाभोगनिव्वत्तिए अणुसमयं अविरहिओ, आभोगनिव्वत्तिओ जहन्नेणं अंतोमुहुत्तस्स उक्कोसेणं छट्ठभत्तस्स, सेसंजहा चउरिंदियाणंजाव चलियंकम्मं निजरेंति / एवं मणुस्साणवि, नवरं आभोगनिव्वत्तिए जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं अट्ठमभत्तस्स सोइंदियवेमायत्ताए भुजोभुजो परिणमंति सेसंजहा चउरिंदियाणं, तहेव जाव निजरेंति। वाणमंतराणं ठिईए नाणत्तं, परिणमंति अवसेसं जहा नागकुमाराणं, एवं जोइसियाणवि, नवरं उस्सासो जहन्नेणं मुहत्तपुहुत्तस्स उक्कोसेणविमुहत्तपुहुत्तस्स, आहारो जहन्नेणं दिवसपुहुत्तस्स उक्कोसेणवि दिवसपुहुत्तस्स सेसं तहेव / वेमाणियाणं ठिई भाणियव्वा ओहिया, ऊसासोजहन्नेणं मुहत्तपुहुत्तस्स उक्कोसेणं तेत्तीसाए पक्खाणं, आहारो आभोगनिव्वत्तिओजहन्नेणं दिवसपुहत्तस्स उक्कोसेणं तेत्तीसाए वाससहस्साणं, सेसंचलियाइयं तहेव जाव निज्जरेंति ॥सूत्रम् 15 // नेरइयाण मित्यादिळक्ता च नवरं जीवाओ किं चलियं ति जीवप्रदेशेभ्यश्चलितं तेष्वनवस्थानशीलं तदितरत्त्वचलितं तदेव १शतके उद्देशकः१ सूत्रम् 14 नैरयिकानां कर्मबन्धादि। अष्टप्रश्नाः / सूत्रम् 15 | असुरकुमारा| दिपृथिवी| कायादि द्वीन्द्रीयादि मनुष्यादि वानमन्तरादिवैमानिकान्तानामाहारस्थित्यादि प्रश्ना : / // 48 //
SR No.600443
Book TitleVyakhyapragnaptisutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDivyakirtivijay
PublisherShripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
Publication Year2012
Total Pages578
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size39 MB
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