________________ श्रीभगवत्यङ्ग श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-१ // 507 // 7 शतके उद्देशक:३ स्थावराधिकारः। सूत्रम् 279 वेदनानिर्जरयोः परस्परसमानता प्रश्न:। नसा निज्जरा, जा निजरा न सा वेयणा?, गोयमा! कम्म वेदणाणोकम्म निजरा, से तेण० गोयमा जाव न सा वेदणा। 9 नेरइयाणं भंते! जा वेदणा सा निजरा, जानि० सा वे?, गोयमा! णो ति० स०, से केण० भंते! एवं वु० नेर० जा वे न सा नि०, जानि० नसा वे.?, गोयमा! नेर० कम्म वेदणा णोकम्म निज्जरा, से तेण० गोयमा! जाव न सा वे०, एवं जाव वेमाणियाणं / 10 से नूणं भंते! जं वेदेंसुतं निजरिंसु, जं निजरिंसु नो तं वेदेंसु?, णो ति० स०, से केणतुणं भंते! एवं वु० जं वेदेंसु नो तं नि०, जं नि० नो तं वेदें?, गोयमा! कम्मं वेदॆसुनो कम्मं निजरिं(र)सु, से तेणटेणं गोयमा! जाव नोतं वेदेंसु, नेरइयाणं भंते! जंवे तं निजरिंसु? एवं नेरइयावि एवं जाव वेमा०।१९ से नूणं भंते! जंवेदेति तं निजरें (रिं)ति, जं निजरिंति तं वेदेति?, गोयमा! णो ति० स०, से केणटेणं भंते! एवं वु० जाव नो तं वेदेति?, गोयमा! कम्मवे. नोकम्मं नि०,से तेण० गोयमा! जावनोतं वेदेति, एवं नेरइयाविजाव वेमा०।१२से नूणंभंते! जं वेदिस्संतितं निजरिस्संति, जं निजरि० तं वेदि०?, गोयमा! णो ति० स०, सेकेण जावणोतं वेदेस्संति?, गोयमा! कम्मं वेदि० नोकम्मं निजरिस्संति, से तेण० जाव नोतं निजरि०, एवं नेरइयाविजाव वेमा०।१३से णूणं भंते! जे वेदणासमए से निजरासमए, जे निजरासमए से वेदणासमए?, नो ति० स०, से केण० भंते! एवं वु० जे वेयणासन से निजरास०, जे निजरासन से वेदणास?, गोयमा! जं समयं वेदेति नो तं समयं निजरेंति, जं समयं नि० नो तं समयं वे०, अन्नम्मि समए वेदेति अन्नम्मि समए नि० अन्ने से वेदणासमए, अन्ने से निजरासमए, से तेणटेणंजाव नसे वेदणासन से निजरास०।१४ नेरइयाणं भंते! जे वेदणास से निजरास०, जे निजरास० से वेदणास०?, गोयमा! णो ति०, स० से केण० भंते! एवं वु नेरइयाणं जे वेदणासन से निजरास०, जे निजरासन से वेदणास?, गोयमा! नेरइयाणं जं समयं वेदेति णो तं समयं नि० जं समयं निजरं(रे)ति नो तं समयं वे०, अन्नम्मि समए वेदेति अन्नम्मिसमए नि०, अन्ने से वेदणासमए अन्ने से निजरास०, से तेण० जाव नसे वेदणास एवं जाव वेमा०॥सूत्रम् 279 // // 507 //