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________________ श्रीभगवत्यङ्गं श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-१ // 409 // सप्र० देशेन पुद्गलानां वुड्डी हाणी य होइ दोण्हंपि। अपएससप्पएसाण पोग्गलाणं सलक्खणओ॥ 31 // यथा किल कल्पनया लक्षं समस्तपुद्गलास्तेषु 5 शतके भावकाल द्रव्यक्षेत्रतोऽप्रदेशाः क्रमेणैकद्विपञ्चदशसहस्रसङ्ख्याः , सप्रदेशास्तु नवनवत्यष्टनवतिनवतिपञ्चनवतिसहस्रसङ्ख्याः , उद्देशकः८ निर्ग्रन्थीततश्च भावाप्रदेशेभ्यः कालाप्रदेशेषु सहस्रवर्द्धते तदेव भावसप्रदेशेभ्यः म्या कालावदशसहस्रपात समावसनदशम्या भावतः कालतः द्रव्यतः क्षेत्रतः पुत्राधिकार, कालसप्रदेशेष हीयत इत्येवमन्यत्रापीति,स्थापना चेयम्-॥२८-२९- अप्र० 1000 अप्र० 2000 अप्र० 5000 | अप्र० 10000 सूत्रम् 221 द्रव्याद्याऽऽ 30-31 // ते चेव ते चउहिवि जमुवचरिजंति पोग्गला दुविहा / तेण उवुड्डी सप्र० सप्र. सप्र० हाणी तेसिं अण्णोण्णसंसिद्धा / / 32 // चतुर्भिरिति भावकालादिभि- 99000 98000 95000 90000 सार्धतारुपचर्य(न्ते इ)न्तामिति विशेष्यन्ते // 32 // एएसिं रासीणं निदरिसणमिणं भणामि पच्चक्खं / वुड्डी(बुद्धी)ऍसव्वपोग्गल जावंतावाण सप्रदेशता उदितेषाम लक्खाओ / / 33 / / कल्पनया यावन्तः सर्वपुद्गलास्तावत लक्ष इति // 33 // एक्कं च दो य पंच य दस य सहस्साइँ अप्पएसाणं।। ल्पबहुत्वारि भावाईणं कमसो चउण्हवि जहोवइट्ठाणं // 34 // णउई पंचाणउई अट्ठाणउई तहेव नवनवई / एवइयाइं सहस्साई सप्पएसाण विवरीयं / / / 35 / / एएसिं जहसंभवमत्थोवणयं करिज्ज रासीणं। सब्भावओ य जाणिज्ज ते अणंते जिणाभिहिए / / 36 // // 221 // अनन्तरं पुद्गला निरूपितास्ते च जीवोपग्राहिण इति जीवांश्चिन्तयन्नाह 4 भन्तेत्ति भगवं गोयमे समणंजाव एवंव०-जीवाणं भंते! किं वहृति हायंति अवट्ठिया?,गोयमा! जीवाणो वर्ल्डति नो हायंति __अवट्ठिया।५ नेरइयाणंभंते! किं व० हा० अव०?, गोयमा! नेरइयाव-विहा०वि अववि, जहा ने एवं जाव वेमाणिया।६ सिद्धा णं भंते! पुच्छा, गोयमा! सिद्धा व० नो हा० अव०वि // 7 जीवाणं भंते! केवतियं कालं अव०?, गोयमा! सव्वद्धं / 8 नेरइया णं भंते! के कालं व०?, गोयमा! ज० एगं समयं उक्को आवलियाए असंखेजतिभागं, एवं हा०, ९ने० णं भंते! के० कालं अव०?, प्रश्ना : / // 409 //
SR No.600443
Book TitleVyakhyapragnaptisutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDivyakirtivijay
PublisherShripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
Publication Year2012
Total Pages578
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size39 MB
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