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________________ श्रीभगवत्यङ्गं श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-१ // 304 // 3 शतके उद्देशक:३ क्रियाप्ररूपणाधिकारः। सूत्रम् 153 जीवस्यैजनादिअन्तक्रियाऽऽदि प्रश्नाः / तद्दृष्टान्तादि। सया समियं णो एयति जाव णो परि० तावं च णं से जीवे नो आरंभइ नो सारंभइ नो समारंभइ नो आरंभे व० णो सारंभे व० णो समारंभे व० अणारंभमाणे असारंभमाणे असमारंभमाणे आरंभे अवट्टमाणे सारंभे अवट्ट० समारंभे अवट्ट० बहूणं पाणाणं 4 अदुक्खावणयाए जाव अपरियाव० व०।से जहानामए केइ पुरिसे सुक्कं तणहत्थयं जायतेयंसि पक्खिवेजा, से नूणं मंडियपुत्ता! से सुक्के तणहत्थए जायतेयंसि पक्खित्ते समाणे खिप्पामेव मसमसाविजइ? हंता! मसमसा०, से जहानामए- केइ पुरिसे तत्तंसि अयकवल्लंसि उदयबिंदू पक्खिवेजा, से नूणं मंडियपुत्ता! से उदयबिंदू तत्तंसि अयकवल्लंसि पक्खित्ते समाणे खिप्पामेव विद्धंसमागच्छइ?, हंता! विद्धंसमा०, से जहानामए हरए सिया पुण्णे पुण्णप्पमाणे वोलट्टमाणे वोसट्टमाणे समभरघडताए चिट्ठति?, हंता चिट्ठति, अहे णं केइ पुरिसे तंसि हरयंसि एणं महं णावं सतासवं सयच्छिदं ओगाहेजा से नूणं मंडियपुत्ता! सा नावा तेहिं आसवदारेहिं आपूरेमाणी 2 पुण्णा पुण्णप्पमाणा वोलट्टमाणा वोसट्टमाणा समभरघडताए चिट्ठति! हता! चिट्ठति, अहे णं केइ पुरिसे तीसे नावाए सव्वतो समंता आसवदाराई पिहेह 2 त्ता नावाउस्सिंचणएणं उदयं उस्सिंचिज्जा से नूर्ण मंडियपुत्ता! सा नावा तंसि उदयंसि उस्सिंचिजंसि समाणंसि खिप्पामेव उई उदाइ?, हंता! उदाइजा, एवामेव मंडियपुत्ता! अत्तत्तासंवुडस्स अणगारस्स ईरियासमियस्स जावगुत्तबंभयारियस्स आउत्तं गच्छमाणस्स चिट्ठ निसीय. तुयट्ट० आउत्तं वत्थपडिग्गहकंबलपायपुंछणं गेण्ह० णिक्खिव० जाव चक्खुपम्हनिवायमविवेमाया सुहुमा ईरियावहिया किरिया कज्जइ, सा पढमसमयबद्धपुट्ठा बितियसमयवेतिया ततियसमयनिजरिया सा बद्धा पुट्ठा उदीरिया वेदिया निजिण्णा सेयकाले अकम्मं वावि भवति, से तेणटेणं मंडियपुत्ता! एवं वु०जावं च णं से जीवे सया समियं नो एयति जाव अंते अंतकिरिया भवति // सूत्रम् 153 // 10 जीवेण मित्यादि, इह जीवग्रहणेऽपि सयोग एवासौ ग्राह्यः, अयोगस्यैजनादेरसम्भवात्, सदा नित्यं समियं ति सप्रमाण // 304 //
SR No.600443
Book TitleVyakhyapragnaptisutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDivyakirtivijay
PublisherShripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
Publication Year2012
Total Pages578
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size39 MB
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