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________________ श्रीभगवत्यङ्गं श्रीअभय. वृत्तियुतम् भाग-१ // 303 // 8 अत्थि णं भंते! समणाणं निगंथाणं किरिया कज्जइ?, हंता! अत्थि। 9 कहं णं भंते! सम० नि० कि० क?, मंडियपुत्ता! पमायपच्चया जोगनिमित्तं च, एवं खलु सम०नि० कि० क०॥सूत्रम् 152 // 7 पुट्विं भंत! इत्यादि, क्रिया-करणं तज्जन्यत्वात्कर्मापि क्रिया, अथवा क्रियत इति क्रिया कर्मैव, वेदनातुकर्मणोऽनुभवः, साच पश्चादेव भवति, कर्मपूर्वकत्वात्तदनुभवस्येति // 151 // ८अथ क्रियामेव स्वामिभावतो निरूपयन्नाह, अत्थि ण मित्यादि, अस्त्ययं पक्षो यदुत क्रिया क्रियते, क्रिया भवति, 9 प्रमादप्रत्ययाद्यथा दुष्प्रयुक्तकायक्रियाजन्यं कर्म, योग निमित्तं च यथैर्यापथिकं कर्म॥१५२॥ क्रियाधिकारादिदमाह 10 जीवेणंभंते! सया समियं एयति वेयति चलति फंदइ घट्टइखुब्भइ उदीरइ तं तंभावं परिणमति?, हन्ता! मंडियपुत्ता! जीवेणं सया समियं एयति जाव तं तं भावं परि० / 11 जावं च णं भंते! से जीवे सया समितं जाव परि० तावं च णं तस्स जीवस्स अंते अंतकिरिया भवति?,णो तिणढे समढे, 12 सेकेणटेणं भंते! एवं वु०- जावं च णं से जीवे सया समितं जाव अंते अंतकिरिया न भवति?, मंडियपुत्ता? जावंचणं से जीवेसया समितं जाव परिणमति तावंचणं से जीवे आरंभइ सारं समारं० आरंभेव० सारंभे व० समारंभे वट्टइ आरंभमाणे सारंभ समारंभ० आरंभे वट्ट० सारंभे वट्ट० समारंभे वट्ट० बहूणं पाणाणं भूयाणं जीवाणं सत्ताणं दुक्खावणयाए सोयाव० जूराव० तिप्पाव० पिट्टाव० परियाव० व०, सेतेणटेणं मंडियपुत्ता! एवं वु०- जावंचणं से जीवेसया समियं एयति जाव परिणमति तावंचणं तस्स जीवस्स अंते अंतकिरिया न भवइ // 13 जीवेणं भंते! सया समियंणो एयइ जावनोतं तं भावं परि०?, हंता मंडियपुत्ता! जीवेणं सया समियं जाव नो परि०।१४ जावंचणं भंते! से जीवे नो एयति जाव नो तं तंभावं परि० तावंचणं तस्स जीवस्स अंते अंतकिरिया भवइ? हता! जाव भ०।१५ सेकेणतुणं भंते! जाव भ०?, मंडियपुत्ता! जावंचणं से जीवे ३शतके उद्देशक: 3 क्रियाप्ररूपणाधिकारः। सूत्रम् |151-152 |क्रियावेदनयोः पौर्वापर्य श्रमणानां चक्रिया तत्प्रत्ययादि प्रश्नाः / सूत्रम् 153 जीवस्यैजनादिअन्तक्रियाऽऽदि प्रश्नाः / तदृष्टान्तादि। / / 303 //
SR No.600443
Book TitleVyakhyapragnaptisutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDivyakirtivijay
PublisherShripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
Publication Year2012
Total Pages578
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size39 MB
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