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________________ श्रीभगवत्यङ्गं श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-१ // 267 // 14 जति णं भंते! ईसाणे देविंदे देवराया एमहिड्डीए जाव एवतियं च णं पभूविउव्वित्तए॥ एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी कुरुदत्तपुत्ते नामं पगतिभद्दए जाव विणीए अट्ठमंअट्ठमेणं अणिक्खितेणं पारणए आयंबिलपरिग्गहिएणं तवोकम्मेणं उर्ल्ड बाहाओ पगिज्झिय 2 सूराभिमुहे आयावणभूमीए आयावेमाणे बहुपडिपुन्ने छम्मासे सामण्णपरियागंपाउणित्ता अद्धमासियाए संलेहणाए अत्ताणं झोसित्ता तीसं भत्ताईअणसणाए छेदित्ता आलोइयपडिक्वंते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा ईसाणे कप्पे सयंसि विमाणंसि जा चेव तीसए वत्तव्वया ता सव्वेव अपरिसेसा कुरुदत्तपुत्तेवि, नवरं सातिरेगे दो केवलकप्पे जंबूद्दीवे 2, अवसेसं तं चेव, एवं सामाणियतायत्तीसलोगपालअग्गमहिसीणं जाव एस णं गोयमा! ईसाणस्स देविंदस्स 2 एवं एगमेगाए अग्गमहिसीए देवीए अयमेयारूवे विसए विसयमेत्ते बुइए नोचेवणं संपत्तीए विउव्विंसु वा ३॥सूत्रम् 132 // __ एवं सणंकुमारेवि, नवरं चत्तारि केवलकप्पे जंबूद्दीवे 2 अदुत्तरं च णं तिरियमसंखेल्ने, एवं सामाणियतायत्तीसलोगपालअग्गमहिसीणं असंखेज्जे दीवसमुद्दे सव्वे विउव्वंति, सणंकुमाराओ आरद्धा उवरिल्ला लोगपाला सव्वेवि असंखेज्जे दीवसमुद्दे विउव्विंति, एवं माहिंदेवि, नवरं सातिरेगे चत्तारि केवलकप्पे जंबूद्दीवे 2, एवं बंभलोएवि, नवरं अट्ठ केवल०, एवं लंतएवि, नवरं सातिरेगे अट्ठ केवल०, महासुक्के सोलस केवल०, सहसारे सातिरेगे सोलस, एवं पाणएवि, नवरं बत्तीसं केवल०, एवं अचुए वि० नवरं सातिरेगे बत्तीसं केवल जंबूद्दीवे 2 अन्नंतंचेव, सेवं भंते २त्ति तच्चे गो० वायुभूती अण०समणं भ० महा०व० नम० जाव विहः / 15 तए णं समणे भ० महा० अन्नया कयाई मोयाओ नगरीओ नंदणाओ चेतियाओ पडिनि०२ बहिया जणवयविहारं विहरइ / / सूत्रम् 133 // 14-15 उड्डे बाहाओ पगिज्झिय त्ति प्रगृह्य विधायेत्यर्थः / एवं सणंकुमारेवि त्ति, अनेनेदं सूचितं सणंकुमारे णं भंते! देविंदे 3 शतके उद्देशकः१ कीदृशी चमरविकुर्वणा शक्ति : / सूत्रम् 132 ईशानेन्द्रसामानिककुरुदत्तशक्ति प्रश्नः। सूत्रम् 133 शेषेद्राणाञ्च शक्ति प्रश्नः। वायुभूतेर्वन्दनं मोकाया भगवद्विहारश्च। / / 267 //
SR No.600443
Book TitleVyakhyapragnaptisutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDivyakirtivijay
PublisherShripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
Publication Year2012
Total Pages578
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size39 MB
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