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________________ श्रीभगवत्यङ्ग श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-१ // 197 // से खंदए कच्चा गोत्तेस० भ० महावीरस्स वियट्टभोगिस्स सरीरं ओरालंजाव अतीव 2 उवसोभेमाणं पासइ रत्ता हट्टतुट्ठचित्तमाणंदिए नंदिए पीइमणे परमसोमणस्सिए हरिसवसविसप्पमाणहियए जे० स० भ० महावीरे ते० उवाग० रत्ता स० भ० महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणप्पयाहिणं करेइ जाव पञ्जुवा खंदया तिस० भ० महावीरेखंदयं कच्चाय० एवं व०- से नूणं तुम खंदया! साव० नयरीए पिंगलएणं णियंठेणं वेसालियसावएणं इणमक्खेवं पुच्छिए मागहा! किं सअंते लोए अणंते लोए एवं तं चेव जाव जेणेव मम अंतिए तेणेव हव्वमागए, से नूणं खंदया! अयमढे समढे?, हंता अत्थि, जेविय ते खं! अयमेयारूवे अब्भत्थिए चिंतिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था- किं सअंते लोए अणंते लोए? तस्सविय णं अयमढे- एवं खलु मए खं०! चउव्विहे लोए प०, तंजहादव्वओखेत्तओकालओ भावओ।द० णंएगे लोएसअंते?,खे० णं लोए असंखेजाओ जोयणकोडाकोडीओ आयामविक्खंभेणं असंखेज्जाओजोयणकोडाकोडीओ परिक्खेवेणं प० अत्थि पुण सअंते 2, का० णं लोएण कयाविन आसीन कयाविन भवति न कयाविन भविस्सति भविंसुय भवति य भविस्सइय धुवे णितिए सासते अक्खए अव्वए अवट्ठिए णिच्चे, णत्थि पुण से अंते 3, भा० णं लोए अणंता वण्णपज्जवा गंध० रस० फासप० अणंता संठाणप० अणंता गरुयलहुयप० अणंता अगरुयलहुयप०, नत्थि पुण से अंते 4, सेत्तं खंदगा! दव्वओ लोएसअंते खे० लोएसअंते का० लोए अणंते भा० लोए अणंते / जेविय ते खं! जावसअंते जीवे अणंते जीवे, तस्सवि यणं अयमढे-एवं खलु जाव दव्वओणं एगे जीवे सअंते, खे०णंजीवे असंखेजपएसिए असंखेजपदेसोगाढे अत्थि पुण से अंते, का० णं जीवे न कयाविन आसि जाव निच्चे नत्थि पुण से अंते, भा० णं जीवे अणंता णाणपज्जवा अणंता दंसणप० अणंता चरित्तप० अणंता अगुरुयलहुयप० नत्थि पुण से अंते, सेत्तं द० जीवे सअंते खे० जीवेसअंते का. जीवे अणंते भा० जीवे अणंते / जेवि य ते खंदया पुच्छा (इमेयारूवे चिंतिए जाव सअंता सिद्धी अणंता सिद्धी, तस्सवि यणं अयमढे २शतके उद्देशकः 1 उच्छ्वासः स्कन्दकच सूत्रम् 91 श्रीवीरस्योदारादिशरीरं प्रेक्ष्य हर्षः पर्युपासना। (ज्ञानेन ज्ञात्वा) श्रीवीरस्य पृच्छापूर्व द्रव्यादितः सान्ततादि शङ्का: निरासन वलन्वशाादि द्वादशमरण प्रश्रनिराकरणम्। // 197 //
SR No.600443
Book TitleVyakhyapragnaptisutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDivyakirtivijay
PublisherShripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
Publication Year2012
Total Pages578
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size39 MB
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