SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 382
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्रीअनुयोगद्वारंमलधारि श्रीहेमचन्द्रसूरि वृत्तियुतम्। // 360 // [1] उपक्रमः / शा० उपक्रमः। 1.3 प्रमाणम्। द्रव्यादिचतुर्भेदाः सूत्रम् 477-491 1.3.4 भावप्रमाणमा 1.3.4.1 गण प्र०॥ 1.3.4.1.3 नामठवणाणं को पतिविसेसो?, नामं, (पाएणं) आवकहियं, ठवणा इत्तिरिया वा होज्जा आवकहिया वा (होजा) // सूत्रम् 480 // से किंतंदव्वसंखा?,२ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-आगमओय नोआगमतो य॥सूत्रम् 481 // से किं तं आगमओ दव्वसंखा? आगमओ दव्वसंखा- जस्स णं संखा ति पदं सिक्खितं ठियं जियं मियं परिजियं जाव कंगिण्ह(कंठोट्ठ) विप्पमुक्कं (गुरुवायणोवगयं), सेणं तत्थ वायणाए पुच्छणाए परियट्टणाए धम्मकहाए, नो अणुप्पेहाए, कम्हा? अणुवओगो दव्वमिति कट्ठ॥ सूत्रम् 482 // (1) (णेगमस्स) एक्को अणुवउत्तो आगमतो एका दव्वसंखा, दो अणुवउत्ता आगमतो दो दव्वसंखाओ, तिन्नि अणुवउत्ता आगमतो तिन्नि दव्वसंखाओ, एवंजावतिया अणुवउत्ता तावतियाओ (णेगमस्स आगमतो) दव्वसंखाओ। (2) एवामेव ववहारस्स वि। (3) संगहस्स एको वा अणेगा वा अणुवउत्तो वा अणुवउत्ता वा (आगमओ) दव्वसंखा वा दव्वसंखाओ वा (सा एगा दव्वसंखा)। (4) उज्नुसुयस्स (एगो अणुवउत्तो) आगमओएका दव्वसंखा, पुहत्तंणेच्छति / (5) तिण्हं सद्दणयाणंजाणए अणुवउत्ते अवत्थू, कम्हा? जति जाणए अणुवउत्तेण भवति / सेतं आगमओ दव्वसंखा / / सूत्रम् 483 / / से किंतं नोआगमतो दव्वसंखा? 2 तिविहा पं०।०- जाणयसरीरदव्वसंखा भवियसरीरदव्वसंखा जाणगसरीरभवियसरीरवतिरित्ता दव्वसंखा // सूत्रम् 484 // से किं तं जाणगसरीरदव्वसंखा? 2 संखा ति पयत्थाहिकारजाणगस्स जंसरीरयं ववगय चुय चइत चत्तदेहं जीवविप्पजढं जाव अहो! णं इमेणं सरीरसमूसएणं संखा ति पयं आघवितंजाव उवदंसियं, जहा को दिटुंतो? अयं घयकुंभे आसि।सेतं जाणगसरीरउत्त० कौंसान्तर्गतो पाठो मु०प्र० अस्ति। 0482-486 सूत्राणि न वर्तन्ते, तत्स्थाने 'जावे'ति मात्रं वर्तते / सहचाभावप्रमाणम्। 1.3.4.1.3.1-2-3 नामस्थापनाद्रव्याद्यष्टौभेदाः। नामस्थापना द्रव्यानां तथा शशब्दमाश्रित्यनिरूपणम्। // 360 //
SR No.600442
Book TitleAnuyogdwar Sutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDivyakirtivijay
PublisherShripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
Publication Year2012
Total Pages450
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_anuyogdwar
File Size31 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy