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________________ श्रीअनुयोगद्वारंमलधारि श्रीहेमचन्द्रसूरि वृत्तियुतम्। // 339 // [1] उपक्रमः। शा० उपक्रमः। 1.3 प्रमाणम्। द्रव्यादिचतुर्भेदाः भिधित्सुराह से किंतं ओवम्मे?,२ दुविहे पण्णत्ते, तंजहा- साहम्मोवणीते यं वेहम्मोवणीते थे। सूत्रम् 458 // से किंतंसाहम्मोवूणीए?,२तिविहे पण्णत्ते, तं० किंचिसाहम्मे पायसाहम्मे सव्वसाहम्मे य॥सूत्रम् 459 // से किं तं किंचिसाहम्मे?,२ जहा मंदरो तहा सरिसवो, जहा सरिसवो तहा मंदरो, जहा समुद्दो तहा गोप्पयं जहा गोप्पयंतहा समुद्दो, जहा आइच्चो जहाखजोतो जहाखजोतो तहा आइच्चो, जहा चंदो तहा कुंदो जहा कुं "तहा चंदो, सेतं किंचिसाहम्मे / / सूत्रम् 460 // से किंतं पायसाहम्मे ?, २जहागोतहा गवयो, जहा गवयो तहा गो, सेतं पायसाहम्मे / / सूत्रम् 461 // से किंतंसव्वसाहम्मे ?,२ओवम्भनत्थि, तहावि तेणेव तस्सओवम्मंकीरइ, जहा- अरहंतेहिं अरहंतसरिसंकयं, एवं चक्कवट्टिणा चक्कवट्टिसरिसंकयं, बलदेवेण बलदेवसरिसं कयं, वासुदेवेण वासुदेवसरिसंकयं, साहुणा साहुसरिसंकयं, से तंसव्वसाहम्मे।सेतं साहम्मोवणीए॥सूत्रम् 462 // से किंतं वेहम्मोवणीए?,२तिविहे पण्णत्ते, तंजहा-किंचिवेहम्मे पायवेहम्मे सव्ववेहम्मे।सूत्रम् 463 // से किं तं किंचिवेहम्मे?,२जहा सामलेरो, न तहा बाहुलेरो, जहा बाहुलेरोन तहा सामलेरो, सेतं किंचिवेहम्मे // सूत्रम् 464 // से किंतं पायवेहम्मे?,२जहा वायसोन तहा पायसो, जहा पायसो न तहा वायसो, सेतं पायवेहम्मे ।।सूत्रम् 465 // से किंतं सव्ववेहम्मे?,सव्ववेहम्में नत्थि, तहावि तेणेव तस्स ओवम्मं कीरइ, जहाणीएणंणीयसरिसंकयं, दासेण दाससरिसं 0 साहम्मोवणीए। कुमुदो। 0 अरिहंतेहिं। 0 ओवम्मे' इत्यधिकम् / सूत्रम् 458-466 1.3.4 भावप्रमाणम्। 1.3.4.1 गुण प्र०। 1.3.4.1.1 जीवगुण प्र०। 11.3.4.1.1.1 ज्ञानगु०प्र०। |1.3.4.1.1.1.3 औपम्यज्ञानगु० प्र०। तस्य साधर्म्यवैधोपनीत द्विभेदौ। तयोः त्रयस्त्रयोभेदाः। // 339 //
SR No.600442
Book TitleAnuyogdwar Sutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDivyakirtivijay
PublisherShripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
Publication Year2012
Total Pages450
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_anuyogdwar
File Size31 MB
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