________________ [1] उपक्रमः। शा० उपक्रमः। श्रीअनुयोगद्वारंमलधारि श्रीहेमचन्द्रसूरि वृत्तियुतम्। // 224 // 1.2 नाम। चतुर्थमध्ययनम् / तत्र चादावेव, असंखयं जीविय मा पमायए (4/1) इत्येतत्पदमस्ति, ततस्तेनेदं नामैवमन्यान्यपिकानिचिदुत्तराध्ययनान्तर्वर्तीन्यध्ययनानि कानिचित्तु दशवैकालिकसूयगडाद्यध्ययनानि स्वधिया भावनीयानि 3 / निगमयति स तं आयाणपएणं ति // 266 // से किं तं पडिपक्खपदेणं?,२णवेसु गामा गर णगर खेड कब्बड मडंब दोणमुह पट्टणा सम संवाहसन्निवेसेसु निविस्समाणेसु असिवा सिवा, अग्गी सीयलो, विसं महुरं, कल्लालघरेसु अंबिलं साउयं, जे लत्तए से अलत्तए, जे लाउए से अलाउए, जे सुंभए से कुसुभए, आलवंते विवलीयभासए, सेतं पडिपक्खपदेणं॥सूत्रम् 167 // से किं तं पाहण्णयाए? 2 असोगवणे सत्तवण्णवणे चंपकवणे चूयवणे नागवणे पुन्नागवणे उच्छुवणे दक्खवणे सालिवणे, से तंपाहण्णयाए॥सूत्रम् 268 // से किंतं अणादियसिद्धतेणं? 2 धम्मत्थिकाए, अधम्मत्थिकाए, आगसत्थिकाए, जीवत्थिकाए, पुग्गलत्थिकाए, अद्धासमए, सेतं अणादियसिद्धतेणं ।।सूत्रम् 269 / / संकिंतं नामेणं? 2 पिउपियामहस्स नामेणं उन्नामियए, से तंणामेणं / सूत्रम् 270 // से किं तं अवयवेणं? 2 सिंगी सिही विसाणी दाढी पक्खी खुरी णही वाली। दुपय चउप्पय बहुपय गंगुली केसरी ककुही // 83 // परियरबंधेण भडं जाणेजा, महिलियं निवसणेणं / सित्थेण दोणपागं, कविं च एगाइ गाहाए / 84 // से तं अवयवेणं॥ 0व।सं' इत्यधिकम्। ०।७ग। 7 मिजइ (ए)। 0 डी। 7 या। ©णि। 7 वायं। (r) इक्काए। सूत्रम् 267-271 1.2.10 दशनामा 1.2.10.4-8 प्रतिपक्ष, प्रधानता, अनादिसिद्धान्तं, नाम, अवयवमिति नामानि। // 224