________________ [1] उपक्रमः। शा० उपक्रमः। श्रीअनुयोगद्वारं मलधारि श्रीहेमचन्द्रसूरि वृत्तियुतम्। // 174 // |1.2 नाम। सूत्रम् 217-224 1.2.3 त्रिनाम। से किंतंदव्वणामे? 2 छविहे पण्णत्ते तंजहा-धम्मत्थिकाए 1 अधम्मत्थिकाए 2 आगासत्थिकाए ३जीवत्थिकाए 4 पं थिकाए 5 अद्धासमए 6 अ, से तंदव्वणामे // सूत्रम् 218 // से किंतं गुणणामे? 2 पंचविहे पण्णत्ते तंजहा- वण्णणामे 1 गंधणामे 2 रसणामे 3 फासणामे 4 संठाणणामे ५॥सूत्रम् 219 / / से किं तंवण्णणामे? 2 पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-कालवण्णनामे 1 नीलवण्णनामे 2 लोहियवण्णनामे 3 हालिद्दवण्णनामे 4 सुक्किलवण्णनामे, सेतंवण्णनामे।सूत्रम् 220 // सकिं तं गंधनामे? 2 दुविहे पण्णत्ते तंजहा- सुरभिगंधनामे 1 य दुरभिगंधनामे 2 य, सेतं गंधनामे // सूत्रम् 221 // स किंतंरसनामे? २पंचविहे पण्णत्ते तंजहा- तित्तरसणामे १कडुयरसणामे 2 कसायरसणामे 3 अंबिलरसणामे 4 महुररसणामे ५य, से तं रसनामे // सूत्रम् 222 // से किं तं फासणामे? 2 अट्ठविहे पण्णत्ते तंजहा- कक्खडफासणामे 1 मउयफासणामे 2 गरुयफासणामे 3 लहुयफासणामे 4 सीतफासणामे 5 उसिणफासणामे 6 णिद्धफासणामे 7 लुक्खफासणामे 8, सेतं फासणामे।सूत्रम् 223 // से किंतं संठाणणामे? २पंचविहे पण्णत्तेतंजहा-परिमंडलसंठाणणामे१वट्टसंठाणणामे 2 तंससंठाणणामे 3 चउरंससंठाणणामे 4 आयतसंठाणणामे 5, सेतं संठाणणामे, सेतं गुणणामे // सूत्रम् 224 // से किं तं तिनामेत्यादि / यत एवेदं त्रिनाम तत एव त्रिविधं त्रिप्रकारम्, द्रव्यनामादिभेदात् / तत्र द्रवति गच्छति ताँस्तान् पर्यायान् प्राप्नोतीति द्रव्यं तस्य नाम धर्मास्तिकाय इत्यादि। धर्मास्तिकायादयश्च प्राग्व्याख्याता एव / गुण्यन्ते सङ्ख्यायन्त 0पु। ॐल्ल। द्रव्यनाम्न: षड्भेदाः। 1.2.3.2 गुणनाम्नश्च पञ्चभेदाः। रचनामादिमाप्चाताप // 174 //