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________________ श्रीआवश्यक नियुक्तिभाष्यश्रीहारि० वृत्तियुतम् भाग-३ // 1167 // व्रतभावनाः। पञ्चमव्रतभावनाः प्रोच्यन्ते- यः शब्दरूपरसगन्धानागतान्, प्राकृतशैल्याऽलाक्षणिकोऽनुस्वारः, स्पीश्वसंप्राप्य मनोज्ञपापकान्- इष्टानिष्टानित्यर्थः, गृद्धिं- अभिष्वङ्गलक्षणाम्, प्रद्वेषः प्रकटस्तंन कुर्यात् पण्डितः, स भवति दान्तो विरतोकिञ्चन इति, अन्यथाऽभिष्वङ्गादेः पञ्चममहाव्रतविराधना स्यात्, पञ्चापि भावनाः, उक्ताः पञ्चमहाव्रतभावनाः, अथवाऽसम्मोहार्थं यथाक्रमं प्रकटार्थाभिरेव भाष्यगाथाभिः प्रोच्यन्ते- पणवीस भावणाओ पंचण्ह महव्वयाणमेयाओ। भणियाओ जिणगणहरपुज्जेहिं नवर सुत्तमि॥१॥ इरियासमिइ पढमा आलोइयभत्तपाणभोई य। आयाणभंडनिक्खेवणा य समिई भवे तइया // 2 // मणसमिई वयसमिई पाणाइवायंमि होंति पंचेव। हासपरिहारअणुवीइ भासणा कोहलोहभयपरिणा॥३॥एस मुसावायस्स अदिन्नदाणस्स होतिमा पंच। पहुसंदिट्ठ पहू वा पढमोग्गह जाएँ अणुवीई॥ 4 // उग्गहणसील बिइया तत्थोग्गेण्हेज उग्गहं जहियं / तणडगलमल्लगाई अणुण्णवेज्जा तहिं तहियं // 5 // तच्चमि उग्गहं तू अणुण्णवे सारिउग्गहे जा उ। तावइय मेर काउंन कप्पई बाहिरा तस्स॥६॥ भावण चउत्थ साहमियाण सामण्णमण्णपाणं तु / संघाडगमाईणं भुंजेज्ज अणुण्णवियए उ॥७॥ पंचमियं गंतूणं साहम्मियउग्गहं अणुण्णविया। ठाणाई चेएज्जा पंचेव अदिण्णदाणस्स // 8 // बंभवयभावणाओ णो अइमायापणीयमाहारे। दोच्च अविभूसणा ऊ विभूसवत्ती न उ हवेज्जा // 9 // तच्चा भावण इत्थीण इंदिया मणहरा ण णिज्झाए / सयणासणा विचित्ता इत्थिपसुविवज्जिया सेज्जा // 10 // एस चउत्था ण कहे इत्थीण कहं तु पंचमा एसा। सद्दा रूवा गंधा रसफासा पंचमी एए // 11 // रागद्दोसविवजण अपरिग्गहभावणाउ पंचेव / सव्वा पणवीसेया एयासु न वट्टियं जंतु॥१२॥ षड्विंशतिभिर्दशाकल्पव्यवहाराणामुद्देशनकालैः, क्रिया पूर्ववत्, तानेवोद्देशनकालान्-श्रुतोपचारान् दर्शयन्नाह सङ्गहणिकारः दस उद्देसणकाला दसाण कप्पस्स होंति छच्चेव / दस चेव ववहारस्स वहोंति सव्वेवि छव्वीसं॥१॥ 4. चतुर्थमध्ययनम् प्रतिक्रमणं, 4.3 षष्ठादियावत् एकत्रिंशत्स्थानानि। सूत्रम् 22(23) एकवीसाए सबलेहि। सूत्रकृताध्ययनानि। देवाः / भावनाः। // 1167 //
SR No.600438
Book TitleAvashyak Sutram Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyakiritivijay
PublisherShripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
Publication Year2012
Total Pages508
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_aavashyak
File Size35 MB
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