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________________ श्रीआवश्यक नियुक्तिभाष्यश्रीहारि० वृत्तियुतम् भाग-१ पीठिका ०.१ज्ञानपञ्चकरूपा नन्दी, नियुक्ति:९ त्रिविधशरीरे भाषा, चतुर्विधासा। // 29 // यदुक्तं-'त्रिविधे शरीरे' इत्यादि, तत्र न ज्ञायते कतमत् त्रैविध्यमिति, अतस्तदभिधातुकाम आह नि०-ओरालियवेउब्वियआहारो गिण्हई मुयइ भासं। सच्चं मोसं सच्चामोसंच असच्चमोसंच // 9 // तत्र औदारिकवानौदारिकः, इहौदारिकशब्देनाभेदोपचाराद् मतुब्लोपाद्वा औदारिकशरीरिणो ग्रहणमिति, एवं वैक्रियवान्वैक्रियः, आहारकवानाहारक इति / असौ औदारिकादिः, गृह्णाति आदत्ते मुञ्चति निसृजति च, भाष्यत इति भाषा तां भाषाम्, शब्दप्रायोग्यतया तद्भावपरिणतद्रव्यसंहतिमित्यर्थः / किंविशिष्टामित्याह-सतां हितासत्या, सन्तो मुनयस्तदुपकारिणी सत्येति, अथवा सन्तो मूलोत्तरगुणास्तदनुपघातिनी सत्या, अथवा सन्तः पदार्था जीवादयस्तद्धिता तत्प्रत्यायनफला जनपदसत्यादिभेदा सत्येति, तां सत्याम्, सत्याया विपरीतरूपा क्रोधाश्रितादिभेदा मृषेति ताम्, तथा तदुभयस्वभावा वस्त्वेकदेशप्रत्यायनफला उत्पन्नमिश्रादिभेदा सत्यामृषेति ताम्, तथा तिसृष्वप्यनधिकृता शब्दमात्रस्वभावाऽऽमन्त्रण्यादिभेदा असत्यामृषेति तांच, चशब्दः समुच्चयार्थः, आसांच स्वरूपमुदाहरणयुक्तानां सूत्रादवसेयमिति गाथार्थः॥९॥ आह- औदारिकादिः गृह्णाति मुञ्चति च भाषां इत्युक्तम्, सा हि मुक्ता उत्कृष्टतः कियत्क्षेत्रं व्याप्नोतीति, उच्यते, समस्तमेव 0 प्रज्ञापनायाः, यतस्तत्र भाषालक्षणं पदमेकादशं जणवय 1 सम्मय 2 ठवणा 3 नामे 4 रूवे 5 पडुच्च 6 सच्चे य। ववहार 7 भाव 8 जोगे 9 दसमे ओवम्मसच्चे 10 य // 1 // कोहे १माणे 2 माया 3 लोभे 4 पेजे 5 तहेव दोसे 6 य। हासे 7 भए 8 य खाइय 9 उवघाइयणिस्सिया 10 दस // 2 // आमंतणी 1 आणवणी जायणी 3 तह पुच्छणी 4 य पण्णवणी 5 / पञ्चक्खाणी 6 भासा, भासा इच्छाणुलोमा 7 य // 3 // अणभिग्गहियाभासा 8, भासा अ अभिग्गहमि 9 बोद्धव्वा। संसयकरणी भासा 10 वोगड 11 अब्बोगडा 12 चेव // 4 // इति सत्यासत्यासत्यामृषास्वरूपम्, सत्यमृषा तु 'उप्पण्णमीसिया 1 विगयमीसिया 2 उप्पण्णविगय-8 मीसिआ 3 जीवमिस्सिया 4 अजीवमिस्सिआ 5 जीवाजीवमिस्सिआ 6 अणंतमिस्सिआ 7 परित्तमिस्सिआ 8 अद्धामिस्सिआ 9 अद्धद्धामीसिया 10 / ' // 29 //
SR No.600436
Book TitleAvashyak Sutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyakiritivijay
PublisherShripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
Publication Year2012
Total Pages498
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_aavashyak
File Size36 MB
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