________________ श्रीआवश्यक नियुक्तिभाष्यश्रीहारि० वृत्तियुतम् भाग-१ // 246 // नि०- उसभस्स कुमारत्तं पुव्वाणं वीसई सयसहस्सा / तेवट्ठी रजंमी अणुपालेऊण णिक्खंतो॥२७७ / / नि०- अजिअस्स कुमारत्तं अट्ठारस पुव्वसयसहस्साई। तेवण्णंरजंमी पुव्वंगंचेव बोद्धव्वं / / 278 // नि०-पण्णरस सयसहस्सा कुमारवासो असंभवजिणस्स / चोआलीसं रज्जे चउरंगंचेव बोद्धव्वं / / 279 // नि०- अद्धत्तेरस लक्खा पुव्वाणऽभिणंदणे कुमारत्तं / छत्तीसा अद्धं चिय अटुंगा चेव रज्जंमि // 28 // नि०-सुमइस्स कुमारत्तं हवंति दस पुव्वसयसहस्साई। अउणातीसंरज्जे बारस अंगा य बोद्धव्वा / / 281 // नि०- पउमस्स कुमारत्तं पुव्वाणऽद्धट्टमा सयसहस्सा। अद्धंच एगवीसा सोलस अंगा य रज्जंमि // 282 // नि०-पुव्वसयसहस्साई पंच सुपासे कुमारवासोउ। चउदस पुण रज्जंमी वीसं अंगा य बोद्धव्वा // 283 // नि०- अड्डाइज्जा (अद्भुट्ठाउ) लक्खा कुमारवासो ससिप्पहे होइ। अलु छ च्चिय रज्जे चउवीसंगा य बोद्धव्वा // 284 // नि०- पण्णं पुव्वसहस्सा कुमारवासो उपुप्फदंतस्स / तावइअंरज्जंमी अट्ठावीसंच पुव्वंगा॥२८५॥ नि०- पणवीससहस्साई पुव्वाणं सीअले कुमारत्तं / तावइअंपरिआओ पण्णासं चेवरजंमि // 286 // नि०- वासाण कुमारत्तं इगवीसं लक्ख हुंति सिजंसे। तावइअंपरिआओ बायालीसंच रज्जंमि // 287 // नि०-गिहवासे अट्ठारस वासाणंसयसहस्स निअमेणं / चउपण्ण सयसहस्सा परिआओ होइ वासुपुज्जे // 288 // नि०- पण्णरस सयसहस्सा कुमारवासो अतीसई रज्जे। पणरस सयसहस्सा परिआओ होइ विमलस्स / / 289 // नि०- अद्धट्ठमलक्खाईवासाणमणंतई कुमारत्ते / तावइअंपरिआओरजंमी हुँति पण्णरस // 290 // नि०-धम्मस्स कुमारत्तं वासाणडाइआई लक्खाई। तावइअंपरिआओरज्जे पुण हुंति पंचेव॥२९१॥ 0.3 उपोद्घातनियुक्तिः, 0.3.2 द्वितीयद्वारम्, वीरजिनादिवक्तव्यताः। नियुक्तिः 277-289 गणधरदेशनादिद्वाराणि। नियुक्तिः 290 कुमारत्वादि श्रामण्यद्वाराणि। // 246 //