________________ श्रुतस्कन्धः१ अष्टममध्ययन वीर्यम्, श्रीसूत्रकृताङ्गं नियुक्तिश्रीशीला० वृत्तियुतम् श्रुतस्कन्धः१ / / 314 // // श्रीमत्सुधर्मस्वामिगणभृत्प्ररूपितं श्रीमच्छीलाङ्काचार्यविरचितायां श्रीसूत्रकृताङ्गवृत्तौ अष्टममध्ययनं वीर्याख्यं समाप्तमिति // // 314 //