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________________ श्रीस्थाना श्रीअभय० वृत्तियुतम् भाग-२ // 697 // सप्तममध्ययन सप्तस्थानम्, सूत्रम् 553 स्वरभेदाः, जीवाजीवनिश्रितत्वलक्षण-ग्राममूर्च्छनायोनि-गेयादिस्वरमण्डलम् ROCRORRRRBUDDRU886080 पं० तं०- मंगी कोरव्वीया हरी य रयतणी य सारकंता य / छट्ठीय सारसीणाम सुद्धसज्जाय सत्तमा॥१५॥मज्झिमगामस्सणं सत्त मुच्छणातोपं० तं०- उत्तरमंदारयणी, उत्तरा उत्तरासमा। आसोकंता यसोवीरा, अभिरु हवति सत्तमा॥१६॥ गंधारगामस्सणं सत्त मुच्छणातोपं० तं०-णंदी तखुद्दिमा पूरिमा य चउत्थी यसुद्धगंधारा। उत्तरगंधारावित, पंचमिता हवति मुच्छा उ॥१७॥सुटुतरमायामा सा छट्ठी णियमसो उणायव्वा / अह उत्तरायता कोडीमातसा सत्तमी मुच्छा ॥१८॥सत्त सराओ कओसंभवंति गेयस्स का भवंति जोणी? / कतिसमता उस्सासा कति वा गेयस्स आगारा? // 19 // सत्त सराणाभीतो भवंति गीतं चरुयजोणीतं / पादसमा ऊसासा तिन्नि य गीयस्स आगारा॥२०॥आइमिउ आरभंता समुव्वहता य मज्झगारंमि / अवसाणे तज्जवितो तिन्नि य गेयस्स आगारा॥ २१॥छद्दोसे अट्ठगुणे तिन्नि य वित्ताइंदोय भणितीओ।जाणाहिति सोगाहिइ सुसिक्खिओरंगमज्झम्मि // 22 // भीतंदुतं रहस्सं गायंतो मा त गाहि उत्तालं / काकस्सरमणुनासंच होंति गेयस्स छद्दोसा // 23 // पुन्नं 1 रत्तं 2 च अलंकियं 3 च वत्तं 4 तहा अविघुटुं ५।मधुरं 6 सम 7 सुकुमारं 8 अट्ठ गुणा होंति गेयस्स // 24 // उरकंठसिरपसत्थं च गेजंते मउरिभिअपदबद्धं / समतालपडुक्खेवं सत्तसरसीहरंगीयं // 25 // निहोसंसारवंतंच, हेउजुत्तमलंकियं / उवणीय सोवयारंच, मियं मधुरमेव य॥२६॥सममद्धसमंचेव, सव्वत्थ विसमंचजं। तिन्नि वित्तप्पयाराई,चउत्थं नोपलन्भती ॥२७॥सक्वता पागता चेव, दुहा भणितीओ आहिया / सरमंडलंमि गिजंते, पसत्था इसिभासिता // 28 // केसी गातति य मधुरं केसी गातति खरंच रुक्खं च / केसी गायति चउरं केसि विलंबं दुतं केसी // 29 // विस्सरं पुण केरिसी?॥ सामा गायइ मधुरं काली गायइ खरं च रुक्खं च / गोरी गातति चउरं काण विलंबं दुतं अंधा // 30 // विस्सरं पुण पिंगला // तंतिसमंतालसमं पादसमंलयसमं गहसमंच / नीससिऊससियसमं संचारसमा सरा सत्त॥ 31 // सत्त सरा य ततो गामा, मुच्छणा एकवीसती / ताणा एगूणपण्णासा, समत्तं सरमंडलं / / 32 / / सूत्रम् 553 // इति सरमंडलं
SR No.600433
Book TitleSthanang Sutram Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaychandrasguptasuri
PublisherShripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
Publication Year2012
Total Pages444
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_sthanang
File Size33 MB
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