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________________ भविष्यदत्तचरित्रम् पष्टोधिकार 40 RECEXXXXXXXXXXXXXXXXX दुर्जनानां विमलापैहदि शल्यवती सती / पत्यापमानिता माता, कथं हा ! विस्मृता मम // 68 // माप्तोऽहं बहुधाऽऽशाभिर्दोहदस्तनुशोषकः / कुक्षौ धृतः ससंभार, नवमासी यया सुतः // 69 / / तां विस्मार्य मियाभोगलम्पटः सुखसागरे / निमनोऽत्रैव विष्ठामि, हा ! कामविवशीकृतः // 70 // धिक् संसारमसारं हि, सारङ्गाक्षीवशीकृतः / पुत्रः स्वमातरं त्यक्त्वा, मुखमास्तेऽतिकातराम् // 71 // चेलाञ्चलाञ्चलाक्षी, ममार्जाभूणि नेत्रयोः / स्वयमप्यश्रुसलिलैः, कपोलौ सिञ्चती मुहुः // 72 // उत्तमप्रकृतिर्भर्त्ता, शुशोच वचसा मम / जननीं स्वां हृदि ध्यान्नित्युद्वेगमधाद्वधूः // 73 // मुखपक्षालनेऽन्योऽन्यं, प्रियसम्भाषणात्ततः / परस्परं समाश्वासान्मनसंवृतमेतयोः॥७४ // आधाय धैर्य मनसि, श्रेष्ठिमूरुत्तरं जगौ / जन्मभूमिः कुरुक्षेत्रे, मदीया हस्तिनापुरम् // 75 // भूपालस्तत्मजापालः, कालवत् परिपन्थिनाम् / श्रेष्ठो धनपतिर्नाम्ना, पिता मे धनिपुङ्गवः // 76 // कमलश्रीस्तव श्वश्रूः, पुत्री हरिबलस्य सा / लक्ष्मीकुतिसमुत्पन्ना, प्रसन्ना धर्मकर्मसु // 77 // वैमात्रेयो बन्धुदत्तश्चित्ते कपटलम्पटः / धनार्जनाय पायोधौ, चचाल वाहनैरसौ // 78 // तत्साथै वणिजोऽन्येऽपि, पस्थितास्तद्वदप्यहं / प्रतस्थे मदनद्वीपे, दुर्वाताद्वहनागतिः॥ 79 // सापन्त्यमत्सरावेशाद्वञ्चयित्वा स मां बने / बन्धुदत्तः प्रवहणैर्ययौ काञ्चनभूमिकाम् // 8 // भ्रमन् वनेऽहं निस्नेहमतिमुक्तकमण्डपे / व्यतिक्रम्य निशं मातर्लेभे शैलग्रहायनम् / / 81 / /
SR No.600427
Book TitleBhavishyadutta Charitram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMeghvijay Gani, Mafatlal Zaverchand Gandhi
PublisherMafatlal Zaverchand Gandhi
Publication Year1936
Total Pages170
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size12 MB
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