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________________ FACTREATRAAT हरसिझिमहादेवीप्रसादादथ तत्क्षणम् // तत्सकलं बलं भग्नं वत्सस्तु निर्भयः स्थितः // 11 // तच्छस्त्राणि गृहीत्वैव सैनिकेषु तदादिपत् // पुरलोकस्तु सर्वोऽपि कौतुकाय समागतः // 12 // नागराःकथयामासुदृष्ट्वाथ तत्पराक्रमम् // एष सर्वबलेनापि चौरो जेतुं न शक्यते // 13 // | तावता सोमदन्तेन दृष्टोऽसौ व्यवहारिणा // स्वहृदि चिंतितं नून मयंतु सैव बुद्धिमान् // 14 // विवादे येन वेश्यायाः स्वबुध्ध्या प्रथमं मम // उपकारः कृतस्तस्माद् गच्छामि तस्य संनिधौ // 15 // पृच्छामि यत् किमेतत्ते मनसीतिविचिंत्य सः // तलारक्षानुमत्यासौ कुमारसन्निधौ गतः // 16 // सोमदंतः कुमारं त मुवाच भो नरोत्तम // उपलक्षयसि त्वं किं तेनोक्त मेव मेव तत् // 17 // अनर्थाय समारब्धं भो सज्जन कुतस्त्वया // दत्तं चौरकलंकं ते केन वेति स पृष्टवान् // 18 // तन्निशम्य कुमारः स हर्षोत्फुलाननोऽवदत् // केवलं कौतुकायैतत् सर्व मंगीकृतं स्वयम् // 19 // तदाकावदड्रेष्ठी त्वया तु सुंदरं कृतम् // परमेवंविधे कृत्ये नूनं प्राणस्य संशयः // 20 // तदा कस्तव निर्वाहं करिष्यति नरोत्तम // तेनोक्त मत्र मा चिन्तां कुरु श्रेष्ठिन् मनागपि // 21 // सर्व निर्वाहयिष्यामीति श्रुत्वा भाषते वणिक् // दक्षेणापि विरूपं तत् कृतमस्ति त्वया यतः // 22 //
SR No.600423
Book TitleSadaivvatsakumar Charitram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMatisagar, Manishankar Chaganlal Shastri
PublisherRatilal Keshavlal
Publication Year1932
Total Pages196
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size15 MB
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