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________________ // 377 // भामादासः मुण्डिता प्रद्युम्नेन प्यति / अकालेऽपि यदा चूतः पुष्पिष्यति गृहाङ्गणे॥१२॥ चूतः किसलयस्यूतस्तदयं मदयन् पिकान् / पुष्पितो नतु मे भाग्यहीनाया | वाञ्छितद्रुमः॥१३॥ किं ? सुधाविन्दुना किश्चन्दुना किं ? चन्दनेन वा / गात्रं पात्रं तनूजाङ्गसङ्गरङ्गस्य चेद्भवेत् // 14 // भोजनं Hदुर्जनं मन्ये मण्डनं खण्डनं तनोः / वेपं विषं भूपणं च दुपणं तनुजं विना // 15 // बालपण्डित ! सर्वज्ञपुत्रकोऽसि विलोकय / होरां | कथय मे भावी यत्र पुत्रागमोत्सवः // 16 // होरा स्याद्रिक्तहस्तानां निःफलैवेतिभाषिणम् / साधु रुक्मिण्युवाचेति वद तुभ्यं ददामि किम् ? // 17 // सोऽभ्यधाकि ? मुधा वाग्भिस्तपःक्षामस्य देहि मे / पारणे प्रथमे पेयां सुस्थः शास्मि यथासुखम् // 18 // अपश्यन्ती गृहे पेयायोग्यं वस्तु विषादिनी / साऽभाणि साधुना स्थातुं नाधुनाऽस्मि क्षमः क्षुधा / / 19 / / तत्त्यक्त्वा वैय्यकं कृत्वा येन | केनाऽपि वस्तुना / देहि पेयामहो मातुः पुरो याश्चाकुतूहलम् // 20 // सोदकर्मोदकैः कर्तुं पेयां साऽऽरभताऽऽदृता / विद्याशक्त्या मुनेनैव जज्वाल ज्वलनः पुनः॥२१॥ तां विषण्णां(मुनिः) प्रोचे पेयापक्तिर्न दृश्यते / तत्क्षुधाबाधयात मां मोदकैरेव मोदय // 22 // रुक्मिण्युवाच | जीर्यन्ति नान्यस्येते हि मोदकाः / तत्ते दातुं न शक्नोमि हत्यापातकशङ्किनी // 23 // सोऽप्यूचे बलिनां पथ्यं सर्वमेतन्न किं ? श्रुतम् / तपःप्रभावान्मे किश्चद् दुर्जरं न विशेषतः // 24 // नार्थी दोपं पश्यतीति साशङ्का सा तपस्विने / एकैकं मोदकं प्रादादुदाराऽपि कृपा| वशात् / / 25 / / क्रमात्सर्वान् भुक्तवन्तं मोदकांस्त सविस्मया / जगाद रुक्मिणी साधो ! बलवानसि कृष्णवत् // 26 // तथापि मम | | पुत्रोऽयमिति नैपा विवेद तम् / अभाग्यादथवा स्त्रीणां क्व ? मतिस्तत्त्वदर्शिनी // 27 // इतो भामा मंत्रजापनिष्ठा व्यज्ञापि पूरुपैः। | आरामतृण्यांभोनाशं भानोश्वोपद्रवं हयात् // 28 // भामाऽथ सम्भ्रमादूचे हलाः! स ब्राह्मणः क नु / तचेष्टितं यथावृत्तं दास्यः सर्व न्यवेदयन् // 29 // नि केशत्वाद्विपण्णा सा सामर्षात्प्रेषयद् द्रुतम् / रुक्मिणी याचितुं केशान् दासीः पटलिकाकराः // 30 // तामृचु | // 377 //
SR No.600400
Book TitleBhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuniratnasuri, Vijaykumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1943
Total Pages272
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size26 MB
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