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________________ श्रीअमम जिनेश चरित्रम् / // 362 / मधुकैट भयोः दीक्षा | यत्पारदारिकाः / सभ्रभंगं नृपेणोचे निग्राह्याः पारदारिकाः // 32 // अवादीत्सा पुनः पूज्या निश्चितं पारदारिकाः / महाराज! त्व*मेवासि दृष्टान्तः स्पष्टमत्र मे // 33 // मधुः श्रुत्वेति सञ्जज्ञे हिया द्वेधाप्यवाङ्मुखः। इतश्चागाद् वृतो बालैः श्रीपथे कनकप्रभः॥३४॥ गीतनृत्यप्रलापाद्यग्रहिलं स्ववियोगतः। अदीदृशतं चन्द्राभा साश्रग् मधवे स्वयम् // 35 / / सानुतापो मधुर्वन्धुसुतं राज्ये न्यवीविशत / व्रतं सकैटभो भेजे गुरोविमलवाहनात् // 36 // परःसहस्राः शरदस्तप्यमानौ | तपांसि तौ / द्वादशाङ्गधरौ साधुवैयावृत्यं वितेनतुः // 37 // आयुःप्रान्ते च संन्यस्य विहिताराधनावुभौ / प्रापतुः सप्तमे कल्पे तो | सामानिकनाकिताम् // 38 // कनकप्रभोऽपि वर्षत्रिसहस्रीं क्षुधादिभिः / विधुरो मधुरोषेणोन्मत्तोऽतीत्य व्यपद्यत // 39 / / ज्योतिष्को धूमकेत्वाख्यः सुरोऽभून्न महद्धिकम् / मधुदेवं ददर्शासीच्च्युत्वा मयोऽथ तापसः // 40 // सबालतपसः कष्टान्मृत्वा वैमानिकोऽजनि / मधुं महर्द्धिं तत्रापि दृशाऽपि द्रष्टुमैष्ट न // 41 / / ततश्युत्वा भवं भ्रान्त्वाऽकामर्निजरया पुनः / ज्योतिष्केषु धूमकेतुरिति नाम्ना सुरोऽजनि // 42 // शुक्रात्तदा मधुभ्युत्वा रुक्मिण्या उदरेऽभवत् / प्राग्वैराळूमकेतुस्तं हृत्वाऽक्षैप्सीच्छिलोपरि // 43 // त्रातस्तपोऽजितैः पुण्यैः खेचरस्थापितश्च सः / लप्स्यते पोडशाब्दान्ते जनन्या सह संङ्गमम् // 44 // अहो महा तपसां वारण्येवाभितो वृताः / शैलेऽपि हन्तुं नेश्यन्ते वीरा वैरेऽपि वैरिभिः // 45 // सूनोवियोगे रुक्मिण्याः कारण पोडशाब्दिके / पृष्टः सीमन्धरस्वामी नारदेनैवमाख्यत // 46 // जम्बुद्वीपस्य भरतस्थिते मगधनीवृति / लक्ष्मीग्रामाभिधे ग्रामे सोमदत्तो द्विजोऽजनि // 47 // प्रिया लक्ष्मीवतीत्यस्याऽन्यदोद्याने गता करः / घुसणारुणितैः स्पृष्ट्वा मयूराण्डमशोणयत् // 48 // माता तदौज्झद् घटिकाः पोडश स्वमजानती। मेघाम्बुधौतं स्वीचके | क्रमाजज्ञे मयूरकः // 49 // पुनर्लक्ष्मीवती प्राप्ता बने तं बालकेकिनम् / दृष्ट्वाऽनैपीद्गृहे रम्यं क्रन्दन्त्यामपि मातरि // 50 // पञ्जरे , पाडश स्वममावतीत्यस्यास // 362 //
SR No.600400
Book TitleBhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuniratnasuri, Vijaykumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1943
Total Pages272
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size26 MB
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