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________________ // 347|| भावि कथितं चारणमुनिना खगफलको बिभ्रद्वहौ विवेश सः / दग्धश्च पश्यतां स्वेषां देवताभ्रमितात्मनाम् / 19 // यातेऽस्ताद्रिं तदा भानौ तत्रैव यवनादयः। ऊषुः प्रगे च नापश्यंस्तमद्रिं तां च नो चिताम् // 20 // यदूनां दुरगमने चररेत्य निवेदिते / संमोहं देवताक्लप्तं वृद्धबुद्ध्या च मेनिरे // 21 // युग्मम् / / तत्सर्व ते निवृत्याख्युः जरासंधस्य सोऽप्यथ / मूर्छयाऽतुच्छया पृथव्यां लोलुठीति स्म विश्वराट् // 22 // उत्थाय लब्ध्वा चैतन्यं वारस्वणोपचारतः / हा वत्स काल ! हा कंसेत्यरोदीत्करुण मुहुः // 23 // आकर्ण्य मृत्यु कालस्य वजन्तो यदवोऽप्यथ / संजातप्रत्ययास्तष्टाः क्रोष्टुकिं पर्यपूजयन् // 24 // तेषां च तस्थुपां क्वापि वनेऽध्वन्यतिमुक्तकः / आययौ चारणमुनिरचित्वाऽऽनम्य च स्वयम् // 25 / / पृष्टः समुद्रविजयेनास्माकं व्यसने मुने!| किमत्र भगवन् भावि ? शंस प्राप्तोऽसि पुण्यतः // 26 // | मुनिर्जगाद द्वाविंशो जिनोऽयं तव नंदनः / नेमिस्त्रिभुवनत्राणशौण्डदोदंडविकमः॥२७॥ रामकृष्णौ बलविष्णू द्वारकास्थौ भविष्यतः। E जरासंधवधादर्द्धचक्रिणौ मास्म भैस्ततः // 28 // युग्मम् / / इत्याख्याय गते साधौ समुद्रविजयो नृपः / सुराष्ट्रामंडलं पाप प्रयाणैश्च सुखाकरैः / / 29 / निवेशितेऽथ शिबिरे रैवतात् प्रत्यगुत्तरे / सत्याऽसूत सुतौ भानुभामरौ स्वर्णभासुरौ // 30 // दिने क्रोष्टुकिनिीते विधिनाऽब्धि कृताष्टमः / हरिरानच तद्देवः प्रत्यक्षः सुस्थितोऽभवत् // 31 // पांचजन्यसुघोषाख्यौ शंखौ स बलकृष्णयोः / दिव्यवस्तुयुतौ कृत्वोपदानित्यचिवान्मुदा // 32 // मामसार्षीः कुतो हेतोलवणाब्धेरहं पतिः / देवोऽणि सुस्थितो नाम्ना करवै किं ? समादिश // 33 // कृष्णोऽवोचदभूद्या प्राग् विष्णूनां द्वारकापुरी / साम्भोभिच्छादिता तां त्वं मद्वासार्थ प्रकाशय // 34 // तथा कृखाऽऽशु तेनापि विज्ञप्तः त्रिदशेश्वरः / आज्ञाप्य धनदं तत्राचीकरत्तां पुरीं पुनः // 35 / / द्वादशयोजना दैर्ये विस्तारे नव योजना / रत्नवर्णSalमयावासा सा चक्रे तत्सुरैः पुरी // 36 // अष्टादशकरप्रांशुः क्ष्मान्तस्थनवहस्तकः / द्वादशहस्तविस्तारश्चक्रे वप्रः सखातिकः // 37 // // 347 // THANE
SR No.600400
Book TitleBhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuniratnasuri, Vijaykumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1943
Total Pages272
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size26 MB
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