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________________ श्रीअमम // 336 // सारानस्तत्र यो हनिष्यति हेलया। हन्ता स ते सुतोऽवश्यं देवक्याः सप्तमो नृप ! // 9 // त्वन्मात्रा पूज्यमानं च धनुः शाङ्ग क्रमा-* जिनेश| गतम् / यत्वद्गृहेऽस्ति तन्नूनं स एवारोपयिष्यति // 10 // पुरा हि ज्ञानिनाऽशंसि वासुदेवाद्भविष्यतः। भविष्यति दरारोपं पर>ष्म- चरित्रम् / भिरप्यदः // 11 // कालियाहेः स दमकश्चाणूरवधकश्च सः। पद्मोत्तरचम्पकयोः स च हंता द्विपेन्द्रयोः // 12 // कंसो निजारिं जिज्ञा- | देवकीसप्त| सुररिष्टादीन् वनेऽमुचत् / श्रमं कत्तुं चादिदेश मल्लौ चाणूरमुष्टिकौ // 13 // रिष्टं साक्षादरिष्टोक्षा वने भ्राम्यन् शरद्यथ / गर्जनिभ मगर्भज्ञाना थे प्रयत्न | इवोन्मत्तः कोपाद्गोपानुपाद्रवत् // 14 // उचिक्षेप स गास्तीक्ष्णशृंगाग्रेण तटीरिव / तुंडाग्रेणाज्यदध्यादिभाण्डान्यस्फोटयत्तथा // 15 // हा कृष्ण कृष्ण त्रायस्व राम रामैहि सत्वरम् / गोपीनामित्यभृदाा बहलस्तुमुलस्तदा / / 16 / / श्रुत्वेति शौरिजन्मानौ प्रौढमानौ * समं भ्रमम् / गोष्ठबृद्धैर्यमाणावपि दर्पादधावता // 17 // आयान्तं पुरुषव्याघ्र वीक्ष्योक्षा चित्रमभ्यगात् / कुंचन्मुखो रुपोत्पुच्छस्ती क्ष्णशृंगाग्रशस्त्रभृत् // 18 // उत्खाय शृंगे ग्रीवां च वालयित्वाऽथ वस्त्रवत् / लोकारिष्टमरिष्टं तं कृष्णः प्रैपीद्यमान्तिकम् // 19 // घोषयन्तो जयं खं खं भ्रमितांशुकपल्लवाः। आर्चयन् मुदिताः कृष्णभुजौ सर्वेऽपि वल्लवाः // 20 // खुरक्षुरप्रप्रहतसुरभिः सुरभिद्रुषा / अन्यदाऽऽगाइने केशी कंसाश्वः क्रीडतो हरेः॥२१॥ प्रेक्ष्यदुर्दात दंतांतक्रकचं विकचाननम् / हेषात्क्लप्तगोपीनाशं कीनाशमिव तर्ज| यन् // 22 // तमाकंठं मुखे शौर्यतिग्मांशी वलितं निजम् / बाहुं राहुमिव क्षिप्या द्विधाकृत्याच्युतोऽवधीत् / / 23 / / युग्मम् / / सर्ग-८ ___खरमेषमथो रोषखरमेष विशेषतः / कृतगोपभयाटोपमुत्कोपः केशवो न्यहन् // 24 // अथो जीवयशोनाथस्तदुन्माथस्फुरद्भयः / शाङ्ग सभायामानैपीन्निश्चयैपी द्विपोऽच्चितम् // 25 / / सत्यभामः सत्यभामां स जामि कन्यका निजाम् / आदिश्योपासिकां तस्यारेभे // 336 // पूजामहोत्सवम् // 26 // यो वज्रसारदोःसर्गः शार्ङ्गमारोपयिष्यति / दास्येऽस्म सत्यभामामित्यूचैराघोषयच सः // 27 // श्रुत्वेदमीयुरु- ||
SR No.600400
Book TitleBhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuniratnasuri, Vijaykumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1943
Total Pages272
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size26 MB
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