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________________ // 325 // यशोमतीलग्नं केवलि कथितय शोमती प्रीतिस्वरू पम् सर्वविद्याधरैर्विद्या दत्ताः सोऽसाधयजवात् / सुतास्त्वानाययन् चम्पां वोढुं पश्चाद्यशोमतेः // 3 // खेचरैर्मणिचूडाद्यैः स्वस्वपुत्रीयुतैर्वृतः / चंपां द्विपद्भयात्कम्प्रां शंखोऽगात् सयशोमतिः॥४॥ प्रत्युद्ययौ जितारिस्तं ज्ञात्वा पुच्या सहागतम् / पुर्यां प्रवेशयामासाss| हयन्त्यामिव केतुभिः // 5 // शंखेन क्लप्तातिथ्येन खेचरैः सह भूपतिः / सुतामुद्वाहयामास शुभे लग्ने यशोमतीम् // 6 // विद्याधराणां | | ताः पुत्रीश्चोपयेमे समं स च / यात्रां श्रीवासुपूज्यस्य तत्र पूजां च निर्ममे / 7 // यशोमत्यादिपत्नीभिः खेचरैस्तैश्च संयुतः। आपृच्छय श्वशुरं शंखः प्राप श्रीहस्तिनापुरम् / / 8 / / स विभिन्नकपाटौष्ठाद् गोपुरास्यात्प्रसृखरैः / सहासमिव तत्सौधदन्तज्योतिभिराविशत् // 9 // स्फायद्विद्याधरेन्द्रद्धिवद्धितप्रमदो मुदा / प्राणसीपितरौ शंखः पत्नीवृन्दान्वितस्ततः // 10 // वाचामगोचरः पित्रोर्मनःसौख्यमभूत्तदा / | यस्याग्रे तृणवत्स्वर्गसौख्यान्यपि चकाशिरे // 11 // सम्मान्य खेचरान् शंखः प्रैपीत्स्वस्वगृहान्प्रति / स्वयं पितुः सिपेवे तु पादाब्ज | राजहंसवत् // 12 // अभूतामारणाच्च्युत्वा जीवौ तौ सूरसोमयोः / यशोधरगुणधरौ शंखस्स प्रागिवाऽनुजौ // 13 / / न्यस्य राज्यधुरां शंखे श्रीपेणः क्षितिपोऽन्यदा / श्रीमद्गुणधराचार्यपाधं संयममाददे // 14 // तपस्यऽजागरीद्राजमुनिदिशधा यथा / राजचक्रे तथा शंखनृपोऽपि सततोद्यतः॥१५|| श्रीश्रीपेणमुनिर्घातिक्षयादुत्पन्न केवलः / अन्यदा विहरन्नुा हस्तिनापुरमाययौ // 16 // यथा संनिहितदेवैः सिक्त्वा गन्धांबुभिर्भुवम् / कृप्तं स्वर्णाजमध्यास्य स चक्रे धर्मदेशनाम् // 17|| तमेत्य शंखराजोऽपि भक्त्या सान्तःपुरोऽनमत् / धम्म तस्मादुपाकाकर्ण्य विज्ञप्तवानिति // 18 // वेवि त्वदुपदेशेन भवे कस्यापि कोऽपि न / सम्बन्धीति तथाऽप्यस्यां यशोमत्यां ममाधिका // 19 // प्रीतिरीतिः कुतो हेतोरिति सर्वज्ञ ! कथ्यताम् / केवल्यपि तयोः प्राच्यभवसम्बन्धमित्यशात् // 20 // प्रिया धनवतीत्यासीद् राजन् धनभवे तव / आये कल्पे सुहृद् रत्नवती चित्रगतेः प्रिया // 21 // माहेन्द्रे च सखा कान्ता त्वपराजि // 325 //
SR No.600400
Book TitleBhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuniratnasuri, Vijaykumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1943
Total Pages272
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size26 MB
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