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________________ श्रीअमम जिनेश // 302 // चरित्रम् / |चित्रगतेः सुग्रीवपुत्र सुमित्रस्य विषोत्ता सुमित्राद् वारिधेरिख / विषस्य प्राणनाशिन्यो लहर्यःप्रासरन् भृशम् // 66 // सुग्रीवराजः संभ्रान्तस्तत्रागान्मत्रिभिः सह। अचीकरतत्रमत्रान् विषवेगोपशान्तये // 67 // नोऽशाम्यन् विषवेगास्तु भूयोभिरपि तैः कृतैः। ददौ भद्रा विषमिति प्रवादोऽयमभूत्पुरे // 68 // सा पलाय्य गता काऽपि स्वापराधेन बिभ्यती / शान्तिकाय नृपोऽकार्षीजिनस्नात्रार्चनादिकम् // 69 // स्मारं स्मारं सुमित्रस्य स्वपुत्रस्य गुणान्नृपः / मुक्तकण्ठं विललाप समं सामन्तमत्रिभिः // 70 // तदा तेजस्विनां नाथे सुमित्रे म्लानिमीयुपि / जज्ञे चक्रपुरस्यान्तर्युक्तं दुःखं सुदुःसहम् / / 71 // तदानीं च चित्रगतिः कौतुकेन भ्रमन् दिवि / तत्र प्राप्तो विमानेन सशोकं पुरमैक्षत // 72 // विज्ञाय विषवृत्तान्तं विमानादवतीर्य च विद्याभिमत्रितस्तोयैः सुमित्रमसिञ्चत्ततः॥७३॥ पृच्छन् किमेतदित्युच्चैः सुमित्रः स्फारितेक्षणः / स्वस्थचेताः समुत्तस्थावहो मत्रमहोऽधिकम् // 7 // राजाऽऽख्यद्वत्स ते माता भद्राऽदात् विषमं विषम् / महाप्रभावेणाऽनेनाऽशाम्यऽकारणबन्धुना // 75 / / जगन्नेत्रे श्रीसुमित्रे पुनः प्राची दिशं श्रिते / अस्तोकश्चक्रलोकस्याऽभूत्प्रमोदमहोत्सवः // 76 // सर्वाशाः पूरयत्यत्र खप्रभाप्रसरैः पुनः। पद्मो मुकुलितश्चित्रं मुंग्येवाऽत्याजि भद्रया॥७७॥ उत्थाय प्राणदातारं तदा तारं स्वकीर्तिभिः। नत्वा खेचरमानन्दी बन्दीवोवाच संस्तुवन् // 78 // कुलादिसर्व विज्ञातं परोपक्रिययैव ते / तथापि खान्वयाख्यानात् स्वामिन्ननुगृहाण माम् // 79 // सखा चित्रगतमत्रिपुत्रः स सहचरस्ततः / शशंस वंशनामादि सर्वेषां हर्षवर्षकत // 80 // सुमित्रोऽथाऽभ्यधान्मित्रोपकी विषदापि मे / विमाताऽभूत्त्वया सार्द्ध संगमः स्यात्कुतोऽन्यथा // 81 // त्रातोऽहमेककृती न मित्रात्रैव त्वया भवे / मृत्योः किन्तु बहुकृत्वः प्रेत्याप्याराधनोज्झितः // 82 // लोके नवाम्बुदस्येवार्कस्येव कमलाकरे। किं? ते प्रत्युपकृत्य स्यामतुल्योपकृतोऽनृणः // 83 // ऊचे तमिति जल्पन्तं चित्रं चित्रगतिर्वचः / पुण्यक्रियैव ते शश्वन्ममास्तु प्रत्युपक्रिया // 84 // आनन्दाश्रुजलैत्रकलशप्रसूतैस्ततः / सुतः पदा // 3
SR No.600400
Book TitleBhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuniratnasuri, Vijaykumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1943
Total Pages272
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size26 MB
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