SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 207
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ // 487 // *जीवो रोहिण्या निपुलाकश्चतुर्दशः / पञ्चदशः सुलसाया जीवोऽर्हन्निर्ममाभिधः // 200 // जिनो जीवोऽथ रेवत्याः षोडशश्चित्रगुप्तकः। * जीवो गवालेः समाधिरिति सप्तदशः प्रभुः // 1 // तीर्थकृद् गागलेर्जीवोऽष्टादशः संवराख्यया / एकोनविंशो द्वीपायनस्य जीवो यशो- चक्री विष्णु | धरः // 2 // कर्णस्य जीवस्तीर्थेशो विंशोऽथ विजयाभिधः / एकविंशो नारदस्य जीवो मल्लाभिधो जिनः // 3 / / जीवोऽम्बडस्य द्वाविंशो प्रति विष्णु | देवो नाम्ना जिनाधिपः / त्रयोविंशो द्वारमदजीवोऽथाऽनन्तवीर्यकः॥४॥ चतुर्विंशः स्वातिजीवस्तीर्थकृद् भद्रसंज्ञया। उत्सर्पिण्यां | नामानि | भाविनीयं चतुर्विंशतिरर्हताम् / / 5 / / दीर्घदन्तो गूढदन्तः शुद्धदन्तस्तृतीयकः। श्रीचन्द्र श्रीभृतिसोमाः पद्मनामाऽथ सप्तमः // 6 // महापद्मो दशमाख्यो विमलो दशमो नृपः / विमलवाहनो रिष्टो भाविनश्चक्रिणस्त्वमी ।।७युग्मम् // तथा नन्दिनन्दिमित्रः श्रीमान् सुन्दरबाहुकः। महाबाहुरतिबलो महाचलबलावपि / / 8 / / त्रिपृष्टश्च द्विपृष्टश्च भाविनो विष्णवो नव / चटत्प्रकर्षरामा अप्याद्यस्तेषु बलाभिधः // 9 // जयन्तश्चाजितो धर्मः सुप्रभः श्रीसुदर्शनः / आनन्दनन्दनौ पद्मोऽन्तिमः संकर्षणः पुनः॥१०॥ त्रि०वि०॥ तिलको लोहजंधश्च वज्रजंघोऽथ केशरी / बलिप्रह्लादनामानावपराजित इत्यपि // 11 // भीमः सुग्रीव इत्येते नव प्रत्यर्द्धचक्रिणः। त्रिषष्टिः शलाका नरा भविष्यन्तीति भारते // 12 // युग्मम् // अवसर्पन्नुत्सपन्ने कालोऽस्ति कालियाहिरिव / भरते यमुनाहूद इव भयकदम्यो जिनाश्रयाद् भव्याः॥१३।। अममचरिते भाविन्येवं तयोः सहजन्मनोलघुरमम इत्युत्सपिण्यां यतो भविता जिनः। तदियमु| दिता पूर्व वीरोदितामवसर्पिणीस्थितिमनुकृते पीटे हि स्यात् कृतिः सुरसद्मनः / / 214 // // 487 // इत्याचार्यश्रीमुनिरनविरचिते अममस्वामिचरिते महाकाव्ये अवसर्पिण्यु सर्पिणीस्वरूपनिरूपणः षोडशः सर्गः // ग्रन्थानम् // 21 //
SR No.600400
Book TitleBhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuniratnasuri, Vijaykumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1943
Total Pages272
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size26 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy