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________________ // 479 // संग्रहीताम्भोऽप्यहोभिस्थ कैश्चन // 50 // पपुर्नवाम्बु ते लोकाः सामन्ताद्याश्च तर्षतः / अक्षीणप्राच्यपानीयौ राजामात्यो नु तौ नहि // 51 // पुरीजनो राजजनः सर्वोऽपि ग्रहिलस्ततः। स्वैरं जगौ मुक्तकेशो ननत च जहास च // 52 // तौ सञ्जौ च नृपामात्यौ अहिललोक| दूरस्थौ तद्विजम्भितम् / पश्यतः स्म स्फुरनैमित्तिकज्ञानचमत्कृती॥५३।। सामन्ताद्याश्च तौ राजमंत्रिणौ स्वविलक्षणौ। प्रेक्ष्य निश्चि स्वरूपम् | क्यिरेऽन्योन्यमस्मत्तो पहिलाविमौ // 54 // उत्सायैतौ निजाचाररहितौ तदुभावपि / नवीनौ स्थापयिष्यामः खाचारौ नृपमंत्रिणी // 55 / / ज्ञात्वा सुबुद्धिस्तन्मंत्र राझेऽशंसदऽसावपि / तमूचे कथमेभ्यः स्वरक्षा कार्याऽधुना ? वद / / 56 / / मंत्र्याख्यद् रक्षणोपायः | स्वस्य कालोचितः प्रभो!। अनुप्रवेश एवैपां बलिनां समवायतः॥५७।। कृत्रिमग्रहिलीभूय तदेतैग्रहिलैः सह / स्थीयतामथ जज्ञाते | अहिलौ राजमंत्रिणौ // 58|| जनस्य अहिलस्यान्तः प्रदाऽग्रहिलावपि / अहिलं खं नृपामात्यौ तौ स्वां लक्ष्मी ररक्षतुः // 59 / / अथो जाते शुभे काले सवृष्टौ तज्जलं पुनः / पीत्वा ते जज्ञिरे लोकाः सजाः स्वास्थ्यभृतोऽखिलाः॥६०॥ दुःपमासमयेऽप्येवं गीतार्थाः सह लिंगिभिः। साम्यं धृत्वा सुसमयं पालयिष्यन्ति भाविनम् // 61 // श्रुत्वेति राजा श्रीपुण्यपालो वैराग्यवांस्तदा। प्रवज्य सुतपस्तवा ववे मुक्तिश्रियं क्रमात् // 62 // विच्छेदं केवलादीनां वीरः पृष्टः सुधर्मणा / इत्याख्यञ्जम्बुनाम्नस्ते शिष्यान्न परतो नृणाम् // 63 // केवलमनःपर्यायपरमावधयस्तथा / पुलाकलब्धेश्चारित्रत्रयमाहारकं वपुः // 64 // जिनकल्पश्च मोक्षश्च भविष्यन्त्यत्र भारते / जम्बोः केवलमोक्षौ तु निश्चयेन भविष्यतः // 65 // त्रि०वि०॥ जम्बोः स्वशिष्यः प्रभवस्तस्य शय्यंभवोऽस्य च / यशोभद्रोऽस्य संभूतभद्रवाह भविष्यतः // 66 // स्थूलभद्रश्च सम्भूतशिष्योऽमी सर्वपूर्विणः / महागिरिसुहस्त्याद्या वज्रान्ता दशपूर्विणः / 67 // एवं पूर्वेषु सांगेषु त्रूट्यमानेष्वपि क्रमात् / मम वतिष्यते तीर्थमेतद्दुःप्रसहावधेः // 68 / गणभृगौतमो नत्वाऽप्राक्षीद वीरमथो / // 479 //
SR No.600400
Book TitleBhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuniratnasuri, Vijaykumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1943
Total Pages272
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size26 MB
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