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________________ // 299 // चतुर्जानिमुनिपार्श्व पृष्टो विक्रमधनेन स्वमार्थः तत्र मुनि नाम्ना वसुन्धरम् / धर्म दिशन्तमद्राक्षीत्पदपूतवसुन्धरम् // 8 // युवराजस्तं प्रणम्य यथास्थानं निषद्य च / श्रोतुं प्रववृते धर्म शर्मनिर्माणशिल्पिनम् // 9 // धर्मश्रुतिपरतन्त्रं श्रुत्रा मेधाधनं धनम् / श्रीविक्रमधनोऽप्यागाद् भारिणी धनवत्यपि // 10 // | राजा सपरिवारोऽपि संशयच्छेदविस्मितः। रोमाञ्चकञ्चुकं बिभ्रन्मुनेः शुश्राव देशनाम् // 11 // समाप्तदेशनं साधु सोाक्षीद् | गर्भगे धने / स्वमे चूतद्रुमद्राक्षीन्मातोत्कृष्टफलोदयम् // 12 // कोऽप्याख्यत्तत्र नवसु स्थानकेष्वऽस्य रोपणम् / कुमारजन्मनाज्ञायि | तस्यान्योऽर्थो मया प्रभो // 13 // नवस्थानरोपणस्य कथयाऽर्थ प्रसय मे। मनसा केवली पृष्टो दूरस्थो मुनिनाऽप्यथ // 14 // केवलज्ञानतो ज्ञात्वा केवल्यप्यथ साधते / शशंस नेमेश्चरितं भवैवभिरन्वितम् // 15 // मुनिरप्यज्वधेत्विा मनःपर्यायतोऽपि च / सर्व तद्भूभुजेऽशंसदऽसंशयं महाशयः // 16 // गमिष्यति नवोत्कृष्टोत्कृष्टानेष भवास्तव / भवेनानेन तनुजो युवराजो महानृपः // 17 // नवमे च भवेऽरिष्टनेमि न्ना भविष्यति / द्वाविंशो भरतक्षेत्रे यदुवंशजनिर्जिनः // 18 // मुनेर्वचो निशम्येति सर्वे मुमुदिरे हृदि / नृपादयोऽधिकं जैने धर्मे च स्थर्यमादधुः॥१९॥ नत्वा साधु नृपः सौधं ययौ साई धनादिभिः / अन्यत्रानियतस्थायी विजह च वसुन्धरः // 20 // ग्रीष्मेऽन्यदा जलक्रीडां कर्तुं भद्र इव द्विपः। जगाम क्रीडासरसि धनवत्या समं धनः // 21 // दीर्घाध्वभ्रमणश्रान्तो | रसः शान्त इवाङ्गभृत् / क्रान्तो धर्मोमिभिः क्लान्तस्तृषा ताल्वौष्ठशोषवान् / / 22 / / स्फुटत्पदक्षरद्रक्तसिक्तभूर्भूतले पतन् / तत्राऽशोकतरोमले मूर्च्छया व्याकुलो मुनिः // 23 // कृपावत्या धनवत्या संभ्रमोद्भ्रान्तचेतसा / वने विचरतः खैरं धनस्याऽदर्शि कार्यभार // 24 // त्रि०वि०॥ संभ्रान्तमानसौ तत्र तावुपेत्याशु तं मुनिम् / स्फीतैर्विदधतुः शीतैरुपचारैः सचेतनम् // 25 // भक्त्या प्रणम्य तं खंस्थं * धनोऽवादीत्कृताञ्जलिः / धन्यमूर्दाभिषिक्तोऽसि कृतकृत्योऽसि सर्वथा // 26 // मयाऽद्य निर्द्धनग्रामे वसतेव महानिधिः / स्वामिन् / // 29 //
SR No.600400
Book TitleBhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuniratnasuri, Vijaykumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1943
Total Pages272
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size26 MB
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