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________________ श्रीअमम // 452 // * श्रुत्वा कृष्णोऽवादीत्क्षमोऽस्मि न // अहं ग्रहीतुं प्रव्रज्यां नियमोऽस्तु तथापि मे // 2 // न कोऽपि प्रव्रजन् वार्यः कार्यस्तस्योत्सवः | जिनेश* पुनः / मयाऽनुमोदनापूर्वमभिगृह्यत्ययं ययौ // 3 // युग्मम् / / प्राप्ताः स नन्तुं स्वाः पुत्रीविवाह्याः प्रोचिवानिति / किं ? स्वामि- चरित्रम् / न्योऽथवा दास्यो यूयं वत्सा! भविष्यथ // 4 // तातावश्यं भविष्यामः स्वामिन्य इति वादिनीः / विष्णुः प्रबोध्य ताः स्वामिपावे वीरकेण सह | दीक्षामजीग्रहत् // 5 / / स्वमात्रा शिक्षिता केतुमञ्जरी कन्यकाऽन्यदा / ऊचे तात ! भविष्यामि दाम्यहं स्वामिनी न तु // 6 // इहा IIT केतुमत्या लग्न | पमानं मत्पुत्र्यः प्रेत्य दुःखं भवभ्रमात् / मा प्रापन्निति सञ्चित्य विष्णुस्तामपरा अपि / / 7 // निषेधुमेवं वदितुं तद्विवाहधिया स्वयम् / में वीरं कुविन्दमूचे खं विक्रमं शंस कञ्चन // 8 // युग्मम् // को? नु मे विक्रम इति ब्रुवाणं तं हरिः पुनः / ऊचे बाल्यकृतं किञ्चित्सं स्मृत्याशु निवेदय // 9 // वीरोऽथ वीरमान्याख्यद् बाल्यत्वे बदरीस्थितः / कुकलासो मया ग्राव्णाऽऽहत्याऽपाति मृतश्च सः॥१०॥ वहद्वारि चक्रमार्गे दधे वामांहिणा मया। मक्षिकाश्च धृताः पानकुम्भान्ताःस्थपाणिना // 11 // नृपानूचे द्वितीयेऽसि सभासीनः स्वयं हरिः / भो भोः वीरस्य वीरत्वं शृणुत स्वकूलातिगम् // 12 // येन रक्तस्फटो नागो निवसन् बदरीवणे / निजध्ने भूमिशस्त्रेण | वेमतिः क्षत्रियो ह्ययम् / / 13 / / येन चक्रक्षता गङ्गा वहन्ती कलुपोदकम् / धारिता वामपादेन वेमतिः क्षत्रियो ह्ययम् // 14 // येन घोपवती सेना वसन्ती कलसीपुरे। निरुद्धा वामहस्तेन वेमतिः क्षत्रियो ह्ययम् // 15 // शौर्य राज्ञां निवेद्येति केशवः केतुमञ्जरीम् / सर्ग-१३ | अनिच्छुनाऽपि वीरेण बलात्पुत्री व्यवाहयत् // 16 / / वीरकोऽपि गृहे नीत्वा राज्ञीवन्मणितल्पगाम् / एतामाराधयामास दासवद्यो. | जिताञ्जलिः // 17 // कृष्णोऽपृच्छवीरं च गेहकर्म सकलं किमु ! / आदृता कुरुते केतुमञ्जरी नाथवा मदात् // 18 // प्रत्यूचे // 452 // वीरको नाथ! तस्याः कर्मकरोऽस्म्यहम् / हरिः कोपाजगादैनं धिर धिक् त्वां पुरुषाधमम् // 19 // कारयिष्यसि चेतां न गृहकर्म
SR No.600400
Book TitleBhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuniratnasuri, Vijaykumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1943
Total Pages272
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size26 MB
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