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________________ // 415 // विष्णुः स्मित्वाऽभ्यधात् पृथ्वीनाथः पद्मोऽथवा वयम् / इत्युक्त्वा संशयं यूयं यदा युद्धाय चेलिथ // 78 // मया तदैव पोन जिता* कृष्णकृतनइति विनिश्चिताः। मा खिद्यध्वं निरीक्षध्वं जीयमानममुं मया // 79 // युग्मम् / / पृथ्वीनाथोऽहमेवाद्य नतु पद्म इति ब्रुवन् / विष्णु- ENG चचाल युद्धार्थ शंखं जयसखं धमन् / / 80 // त्रिभागोनबलः पद्मः सद्यः शंखध्वनेरभूत् / मतेभ इव पारीन्द्रसान्द्रगुञ्जारवश्रुतेः // 8 // | प्रदशनम् तारैः कोदण्डटंकारमंत्रोच्चारैखिाऽस्य च / पुनस्त्रिभागोनबलः पद्म सर्प इवाऽभवत् / / 82 / / परिशिष्टबलत्र्यंशस्त्यक्त्वा द्वेधापि संगरम् / पद्मो नंष्ट्वाऽमरकंकां याम्यां ग्रह इवाविशत् // 83 // प्यदीधपत्प्रतोलीश्च सह लोहार्गला बलाः / पयः संकुचितः कृष्णशिलीमुखभयादहो।।८४।। अपमृत्याऽथ सप्ताष्टपदान्याश्रित्य लब्धितः / वेक्रियांगसमुद्धातं नृसिंहोऽभूत्ततो हरिः॥८५॥ यमकर्मारशालावद् विशालं विभृदाननम् / ज्वालाजिह्वसहजिह्मदंष्ट्राक्रकचभीषणम् / / 86 / / स्वप्रियाम्भोदनिर्भेदशंकातंकात् सकम्पया। सटाच्छटामिपादुद्यद्विद्युतेव निपेवितः / / 87 // मन्ये नखमिषान्नैकमूर्तिना पादसंस्पृशा। त्रातुं मृगं मृगांकेण प्रार्थ्यमान इवाभयम् // 88 // श्वेतोदस्तवालहस्तव्याजोच्छ्रितजयध्वजः। अन्तर्दीप्तक्रोधवन्हिशकटीविकटेक्षणः॥८९।। क्षोण्यब्जे केशरीभूतमृतिः स नरकेशरी। रेजे तदा मदाध्मातो रौद्रो रस इवांगवान् // 10 // पं० कु० // स्फूर्जदूर्जस्खलगलगर्जितर्जितदिग्गजाम् / स क्ष्वेडां विदधे साद्धं दुर्द्धरैः पाददर्दरैः // 9 // मृगोल व चक्रस्थःक्ष्मागोलस्ौरघूर्णत / झलज्दालायितं चक्रुर्वान्यि इस वाईयः // 9 / / पादानादस्थिराकारः * प्राकारस्तनुवत्ततः। दलच्छिखरदन्तौघः पुर्या नार्या इवापतत् // 13 // तद्भुजाभिरिवाभाजि परिवरप्ययोद्धैः / रथ्याकपाटैश्चास्फोटि तल्लोचनपुटैरिव // 94 // युग्मम् / / प्रलये सत्कुलानीव पेतुर्देवकुलान्यपि / तत्रादृकुट्टिमान्यापुः सैकतानीव चूर्णताम् / / 95 // प्राविशन् // 415 // | भृगृहेष्वेके शृगाला इव तत्र च / गर्तशूकरवद् गर्नेष्वेकेऽन्ये त्वातिवजले // 96 // अपरे मूर्च्छया पेतुः पृथ्व्यां पित्तादिता इव /
SR No.600400
Book TitleBhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuniratnasuri, Vijaykumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1943
Total Pages272
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size26 MB
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