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________________ // 411 // द्रौपदीहरणम् रुष्टो दुष्टो निरगमन्मुनिः // 3 // द्वीपेत्र कृष्णभीत्याऽस्या अनालोक्याऽप्रियंकरम् / पातकी धातकीखण्डभरतेऽगात् स कोपनः।।४॥ तत्र चम्पेशकपिलविष्णोर्माण्डलिकं स च / पद्म स्त्रीलम्पटं प्रापाऽमरकंकापुरीस्थितम् // 5 / / सत्कृत्य समुनिस्तेन प्रदान्तःपुरीनिंजाः। | अभाणि दृष्टाः प्रेयस्थस्त्वयेदृश्यः परस्य किम् // 6 // स्वार्थसिद्धिं विदस्तस्मात् स स्मिखोचे कलिभियः। छेकोऽपि कूपभेकोऽसि |स्तवीष्येता अपीह यत् // 7 // जम्बूद्वीपे भारतेऽस्ति हस्तिनापुरभूभृताम् / पाण्डवानां प्रिया द्रौपदीति सदूपदीप्तिभृत् // 8 // मन्ये यद्रूपनिर्माणाऽवशेषैः परमाणुभिः / सृष्टा अप्सरसोऽप्यन्जभुवा यां ययुहिया // 9 // यास्तस्याः पदरेणूनामपि नार्यन्ति पोडशीम् / कलां छेककलाहीन ही न जिहेषि ताः स्तुवन् // 10 // इत्युद्दीपयितुं रागानलं मुर्मुरवड्वचः। मुनिः क्षिप्या पद्महृदि प्रेमकक्षेऽन्यतो ययौ // 11 // द्रौपदी व्यक्षरां विद्यामिव पद्मो जपन्नथ / अन्तःपुरपराधीनो योगीवोदमानायत // 12 // उपायं द्रौपदीप्राप्तावपश्यन्नEन्यमुत्सुकः। पद्म पातालगं देवं प्राग्मित्रं तपसाऽस्मरत् // 13 // सुरः किंकरवत् साक्षाद्भुतस्तेनाऽभ्यधीयत / आनीय द्रौपदी राग नाट्यनान्दी ममार्पय // 14 // दुर्विद्यायामिव द्रौपद्यामद्याऽभूद् भ्रमस्तव / खानायैव सा नान्यं यदिच्छेत्पाण्डुजान्विना // 12 // त्वदाग्रहादिहाऽऽनेष्ये तामहं वं तु सूत्रयेः / विपचिकित्सामित्युक्त्वा पद्मं देवो ययौ कुरून् // 16 // युग्मम् // तत्र गत्वा गजपुरे * सौधे सुप्तां सुरो निशि / दखाऽवस्वापिनीं भर्तयऽहरद् द्रौपदी द्रुतम् / / 17 / / समर्प्य पद्मनाभस्य तां सुरोऽथ तिरोदधे / हहा कुर्व न्त्यकृत्यानि वाचा बद्धाः सुरा अपि // 18 / / प्रबुद्धा पमिनीवाऽथ सझनीति प्रगे पुनः। अपश्यन्ती द्रौपदी हा किमभूदित्यऽचिन्त* यत् / / 19 // तामन्तर्मनसं किश्चिद्ध्यायन्तीं योगिनीमिव / सव्याधिमिव चास्वस्थां मृगीवत्तरलेक्षणाम् // 20 // पद्मनाभोऽवदत् भद्रे स्वाभद्रे मा स्म शंकिनी / भूस्त्वमानायिताऽस्यत्र मया दैवतशक्तितः॥२१॥ युग्मम् / / खद्रूपं नारदाद् ज्ञात्वाऽभूवमुत्कण्ठितस्त्वयि / // 411 //
SR No.600400
Book TitleBhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuniratnasuri, Vijaykumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1943
Total Pages272
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size26 MB
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