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________________ // 405 // दिव्यास्त्रमोचन द्वयोः कृत् // 32 // स्वपति नान्वगात्कंसं त्वत्पुत्री यत्तदा ध्रुवम् / तत्तस्य सकुटुम्बं त्वां सोत्कण्ठमिव मीलितुम् // 33 // श्रुत्वेति मगधः क्रुद्धोऽमुंचत्प्राणहरान शरान् / कृष्णोऽप्यकर्तीत्स्ववाणैर्भानुमघोत्करैखि // 34 // मल्लाविव तर्जयन्ती गर्जन्तौ वारिधी इव / युयुधाते क्रुधा तेजोदुग्रहौ तौ ग्रहाविव // 35 // सिंहधानैर्द्धनुर्धान रथध्वानस्तयोस्तदा / ब्रह्माण्डमाण्डं पुस्फोट दिवि देवाश्च तत्रसुः॥३६।। तयोर्नाराचजातेन जाते नभसि दुर्दिने / खेचरीणां सुरीणां चान्तर्दधे रणवीक्षणम् // 37 // रथद्वयस्य क्षोणिभृवयस्येव गतागतैः / / लेभे महीमहेलेव हेलया कम्पसम्पदम् // 38 // तयोर्महाभरभ्रश्यद्भू द्धारायाससान्द्रितैः / मुखश्वासैः फणीन्द्रस्योच्छाल्यन्ते स्म पयोधयः॥३९॥ कुलाचलाश्चलन्तश्च निश्चला अपि लेभिरे / क्षोणीपालनकान्दोलकौतुकं बालका इव // 40 // युग्मम् / अत्रौघं वाय- | | समिवायसमप्यात्महेतिभिः / रणक्षेत्रे जरासन्धस्याधोऽधस्तक्षजोऽक्षिपत् / / 4 / / क्षीणान्यशस्त्रोपायोऽथ बाणे स्वे मागधो न्यधात् / | जैत्रं द्विपोऽसमाग्नेयं वाग्नेयं स्वमुखे यथा // 42 // पुस्फुरेऽनिन्धनस्यापि तत्र चित्र हविर्भुजः / ज्वालाभिः कालवेतालमुखोल्काभिरि वाभितः // 43 // तदाकुलं निजबलं वीक्ष्य कृष्णोऽमुचजवात् / महास्वं वारुणं तस्य वारणं मेघकारणम् // 44 // तेन गर्जद्घनघटाटो| पात्कोपादिवाभितः / व्यध्याप्यताऽग्निर्मगधप्रताप इव धावता // 45 // नीतं यशोवत् स्खं सैन्यं मालिन्यं मलिनैघनैः। प्रेक्ष्याऽस्त्रं पावनं | राजाऽतनोत्तदपनोदनम् / / 46 // अमानैः पवमानस्तैर्दुदिनाडम्बरेऽम्बरात् / उत्सारिते स्फुरद्ध्वानबिभ्राणेनेटवद् भ्रमिम् // 47 / / सभेव | श्रीजरासन्धसेना प्राप्यत सम्मदम् / आय हरिसेना तु बाढं संकोचदुःस्थताम् / / 48 / / युग्मम् / / वायोर्वाधां न्यषेधत्तां चिकित्सक इवाऽच्युतः / सप्रभावं प्रयुज्याशु वाताशनमहौषधम् // 49 / / यशोदुग्धैः समं पीते वाते फणभृतां गणैः / दश्यमानां फणाघातैः स्वसेना दयितामिव // 50 // दृष्ट्वा नरेन्द्रो निस्तन्द्रो गारुडं चारुडम्बरः / अस्त्रं व्यापारयद् वस्त्रमिवारातिविमोहकृत् // 51 // युग्मम् / / परो 405 //
SR No.600400
Book TitleBhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuniratnasuri, Vijaykumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1943
Total Pages272
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size26 MB
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