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________________ कारणतरण 0444444 धन्य हैं ऐसे श्रीगुरु जो आत्मज्ञानामृतका स्वयं पान करते हुए भव्य जीवोंको भी उसी अमृतका पान करानेका मार्ग बताते हैं। श्लोक-ज्ञानं त्रितय उत्पन्नं, ऋजु विपुलं च दिष्टते । मनपर्ययं च चत्वारि, केवलं शुद्ध साधकं ॥ ७० ॥ अन्वयार्थ-श्रीगुरुओंके (ज्ञानं त्रितय ) सुमति, सुश्रुत, सुअवधि येतीन सम्यग्ज्ञान (उत्पन्न) पैदा होजाते हैं। तथा (ऋजु विपुलंच) ऋजु मनापर्यय ज्ञान और विपुल मनापर्यय ज्ञान भी (दिष्टते) दिखलाई पड़ता है। उनके कभी (मनःपर्ययं च ) मनःपर्यय ज्ञानको लेकर (चत्वारि) चार ज्ञान भी दिखलाई पड़ते हैं। वे श्रीगुरु (शुद्ध केवलं) शुद्ध क्षायिक केवलज्ञानके (साधकं) साधनेवाले होते हैं। विशेषार्थ-यहां श्रीगुरुके अनेक भेद झलका दिये हैं। इसके पहले यही बताया था कि श्रीगुरु ४ सर्व त्वोंके यथार्थ ज्ञाता सम्यग्दृष्टी, आत्मानुभवी वसत्य धर्मके उपदेश देनेवाले होते हैं। अर्थात् मतिश्रुत सम्यग्ज्ञानके धारक होते हैं। कोई कोई परम गुरु तप व ध्यानके बलसे अवधिज्ञानको उत्पन्न करके तीन सम्यग्ज्ञानके धारी होजाते हैं। अथवा अवधिज्ञानको न पाकर ऋजुमति तथा विपुलमति मनःपर्यय ज्ञानको पाकर मतिश्रुत, मनःपर्यय ऐसे तीन ज्ञानके धारी होते हैं। कोई कोई अवधि और मन:पर्यय दोनों ऋद्धियोंको पाकर चार ज्ञानके धारी होजाते हैं। श्रीगुरु अवधि ज्ञान और मन:पर्यय ज्ञान पानेकी भावना नहीं करते हैं, तप द्वारा ये स्वयं झलक जाते हैं-ये तो मात्र शुद्ध केवल ज्ञानके साधक होते हैं,जो केवल ज्ञान आत्माका स्वभाव है और ज्ञानावरणीय कर्षसे ढका हुआ है। श्रीगुरुकी दृष्टि शुद्ध आत्मस्वरूप पर रहती है। शुद्धात्मानुभव ही वास्तवमें केवलज्ञानके साधक नहीं है क्योंकि ये मात्र रूपी पदार्थको ही जान सक्ते हैं। पांच इंद्रिय और मन के द्वारा जो पदार्थोंका सीधा ज्ञान अपनी शक्ति अनुसार परोक्ष होता है उसको मतिज्ञान कहते हैं। जैसे शब्द सुनना, सुगन्ध जानना, घटको देखकर जानना इत्यादि । मतिज्ञानके द्वारा जामे हुए पदार्थके सम्बन्धसे दूसरे पदार्थको जानना वह श्रुतज्ञान है जैस जीव शब्द सुनकर व लिखा देखकर जीव पदार्थका बोध होना।
SR No.600387
Book TitleTarantaran Shravakachar evam Moksh Marg Prakashak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTaranswami, Shitalprasad Bramhachari, Todarmal Pt
PublisherMathuraprasad Bajaj
Publication Year1935
Total Pages988
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size30 MB
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