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________________ ॥५७॥ कुज्ञानके धारी हैं जिनमें (ज्ञानं चैव) सम्यग्ज्ञान भी (न विष्टते) नहीं दिखलाई पड़ता है उनको (जैन) जैनोने या जैनाचार्योंने (कुदेवं ) कुदवे (प्रोक्तं ) कहा है। विशेषार्थ-वीतराग सर्वज्ञ देव अरहंत तथा सिद्ध हैं उनके सिवाय जगतकी मायामें लिप्त लोगोंने अनेक रागी देषी यक्ष, क्षेत्रपाल, चंडिका, काली, पद्मावती, भूत, पिशाच, सूर्य, चद्रमा, तारे, भवनवासी, व्यंतर, ज्योतिषी देवोंको देव मानके पूजना प्रारंभ कर दिया है। ये सब संसारी प्राणी हैं। इनमें प्रायः सम्यग्दर्शन नहीं है क्योंकि सम्यग्दृष्टी मरकर इनमें पैदा नहीं होता है। किसीको वहां सम्यक्त हो वा न हो। अधिकतर वे सब देव भाव मिथ्यात्वी होनेसे कुमति, कुश्रुति व कुअवधि तीन ज्ञानके धारी हैं। उनमें सम्यग्ज्ञान नहीं दिखलाई पड़ता है । जगतके प्राणी किसी वरकी इच्छासे ही इन देवोंकी स्थापना करके पूजा करते हुए अपने अनादि अगृहीत मिथ्यात्वको दद करते हैं। यदि इनमें कोई सम्यग्दृष्टी भी हो तो भी उसको साधर्मी भाई या बहनके समान सन्मान देना चाहिये । दीन होकर परमात्माके तुल्य किसी भी रागी देषी देवकी या इन्द्रकी या अहमिंद्रकी पूजा करना मिथ्यादर्शन है। श्री अमितगति आचार्य श्रावकाचारमें कुदेवोंको कहते हैं रागवतो न सर्वज्ञा यथा प्रकृतिमानवाः । रागवतश्च ते सर्वे न सर्वज्ञास्ततः स्फुटम् ॥ ७२-४॥ वाश्लिष्टास्तेऽखिलौषैः कामकोपभयादिभिः । मायुधप्रमदाभूषा कमंडल्वादियोगतः ॥ ७॥ भावार्थ-राग सहित हैं वे सर्वज्ञ नहीं, वे संसारी मनुष्योंके समान हैं। जो कल्पित रागी देषी देव हैं वे सर्व सर्वज्ञ नहीं हैं यह प्रमट है । जो कोई आयुध, स्त्री, आभूषण, कमंडल आदि उपकरण रखते हैं वे अवश्य काम, क्रोध, भय आदि मल सहित हैं अतएव कुदेव हैं। बहिरात्मा इनकी सेवा करता रहता है और धन, पुत्र आदिकी कामनामें व्याकुल रहता है। उसे वीतराग मार्ग नहीं सुहाता। इसीसे वह वीतराग सर्वज्ञकी भक्ति कदाचित् देखादेखी करता भी है तो उतनी भक्तिसे नहीं करता है जितनी भक्ति कुदेवोंकी करता है। श्लोक-मायामोह ममत्वस्थाः, अशुभभाव रताश्च ये । तत्र देवं हि जानते, यत्र रागादि संजुतं ॥ ५३ ॥
SR No.600387
Book TitleTarantaran Shravakachar evam Moksh Marg Prakashak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTaranswami, Shitalprasad Bramhachari, Todarmal Pt
PublisherMathuraprasad Bajaj
Publication Year1935
Total Pages988
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size30 MB
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