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करणानुयोगका प्रयोजन
४०४। राकरण अपेक्षादिका शान न होनेसे शास्त्रों में जो परचरणानुयोगका प्रयोजन
४११ स्पर घिसद्धता दिखती है, उसका निराकरण ... " द्रव्यानुयोगका प्रयोजन
४१२ ना घधिकार-- प्रथमानुयोगके व्याख्यानकी पद्धति ४१२, १८ मोक्षमार्गका स्वरूप
... ४६ करणानुयोगके व्याख्यानकी पद्धति '४१% मात्माका हित मोक्ष ही है, इसका निश्चय
४६७ चरणानुयोगके व्याख्यानकी पद्धति .. ...... ४२२ | सांसारिक सुख दुःख ही है द्रव्यानुयोगके व्याख्यानकी पद्धति ........ ४३३ मोक्षसाधनमें पुरुषार्थकी मुख्यता ...
४७४ अनुथोगोंमें किस पद्धतिकी मुख्यता है .... ४३७ मोक्षमार्गका खरूप :
४८१ २७ अनुयोगोंमें जो दोष कल्पना की जाती है, उनका नि- सम्यग्दर्शनका लक्ष्य
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