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________________ सारणतरण ४४०७॥ सुकं पकं तत्तं बलिलवणेहि मिस्सिय दव्वं । नं नंते ण हि छण्णं तं सव्वं पासुर्य माणयं ॥ श्रावकाचार भावार्थ-जो वस्तु सूखी है-पक गई हो जैसे फलका गदा, गर्म की हुई या खट्टी लवणादि । कसायली वस्तुसे मिली हुई हो व यंत्रसे छिन्न भिन्न की गई हो वह सब प्रासुक कही गई है। सूखी वह वनस्पति जो उगने लायक है वह भी योनिभूत सचित्त है, उसे भी सचित्त प्रतिमाधारी नहीं खाता है जैसे-सूखा चना, गेहूं। बहुत करके यह सूखी वस्तुओंको जरूरत पड़ने पर काम में लेता है जिनका ऊपर नाम लिया गया है। अपने हाथसे यदि अचित्त करना हो तो जिह्वा इंद्रियको वश करके जिसमें कम हिंसा हो उनही वस्तुओंको प्राशुक करके खाता है। जिह्वाके स्वाद वश अनन्त काय साधारण वनस्पतिका घात नहीं करता है। जैसे यह स्य सचित्त खाता नहीं है, पीता नहीं है वैसे यह दूसरोंको भी नहीं देता है। एकेंद्रियके आरंभसे व जिह्वा इंद्रियके स्वाद दोनोंसे विरक्त है। तथापि इस प्रतिमा मात्र सचित्तके खाने पीनेका ही त्याग है, व्यवहारका नहीं। तथा यह श्रावक आत्माका ध्यान विशेष करता है इसलिये भी इसे सचित्त प्रतिमा कहते हैं। यह भोगो. पभोग व्रतके पांच अतीचारोंको बचावेगा, सचित्त या हरे पत्ते पर रक्खा व उससे ढका व उससे मिली कोई अचित्त वस्तु भी नहीं खाएगा । निरंतर प्राणीसंयम व इंद्रिय मंयमका साधक रहेगा। श्लोक-अनुराग भक्तिं दिष्टं च, राग दोष न दिष्टते । मिथ्या कुज्ञान तिक्तं च, अनुरागं तत्र उच्यते ॥ ४१८॥ शुद्ध तत्वं च आराध्यं, असत्यं तस्य त्यक्तयं । मिथ्या शल्यं त्यक्तं च, अनुराग भक्ति सार्थयं ॥ ११९ ।। अन्वयार्थ-(अनुराग भक्ति दिष्टं च ) अनुराग भक्तिको विचारना चाहिये जहां (राग दोष न दिष्टते) राग द्वेष न दिखलाई पडें (मिथ्या कुज्ञान तिक्तं च) जहां मिथ्यात्व व मिथ्याज्ञान छूट गए हों (तत्र अनुरागं उच्चते) वहां अनुराग कहा जाता है (शुद्ध तत्वं च आराध्यं ) शुद्ध तत्वकी भक्ति करना चाहिये (मसत्यं तस्य त्यक्तयं) असत्य तत्वका त्याग करना चाहिये (मिथ्या शस्य त्यक्तं च) मिथ्या शल्यको छोडना चाहिये (अनुराग भक्ति सार्थय) तब यथोचित अनुराग भक्ति छठी प्रतिमा है। ॥४०॥
SR No.600387
Book TitleTarantaran Shravakachar evam Moksh Marg Prakashak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTaranswami, Shitalprasad Bramhachari, Todarmal Pt
PublisherMathuraprasad Bajaj
Publication Year1935
Total Pages988
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size30 MB
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