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________________ भावको, कामभाषको-विषयलम्पटताको, मानभावको-अपनी प्रतिष्ठाको इत्यादि सर्व ही अशुद्ध बारणतरण श्रावकाचार भावोंको नित्य रखना चाहता है। पे भनित्य हैं ऐसी समझको भूल जाता है। तथा मिथ्यास्वके उदयसे जो मन वचन कायकी मिथ्या प्रवृत्ति करता है जैसे मिथ्यादेवोंकी आराधना, मिथ्यागुरुकी सेवा, मिथ्याधर्मका पालन, हिंसादि विशेष आरंभकी प्रवृत्ति, युद्धादि क्रिया, परका बिगाड़, परिग्रह संचन, परको ठगना, परस्त्री भोग, अभक्ष्य भक्षण आदि । उनमें आनन्द मानता रहता है। वास्तव में यह लोभ महान अधर्म है। सर्व ही पापोंका यही मूल कारण है। राज्यके लोभमें पुत्र V पिता तकका घात कर डालता है। इंद्रियविषयके लोभसे घोर पापोंकी प्रवृत्तिमें फंस जाता है। यह लोभ ही सार जो धर्म है व सार जो आत्मीक सुख है उसको नाश करता है। एक शास्त्रज्ञाता भी आत्महितको समझता हुआ भी गृहस्थीके लोभमें पड़ा हुआ संयमको गृहण नहीं कर पाता है। लोभके समान कोई वैरी नहीं है।श्री अमितगति आचार्य सुभाषितरत्नसंदोहमें कहते हैं दुःखानि यानि नरकेष्वतिदुःसहानि, तिर्यक्षु यानि मनुजेष्वमरेषु यानि । सर्वाणि तानि मनुमस्य भवन्ति कोभा, वित्याकळय्य विनिहन्ति तमत्र धन्यः ॥ ८॥ भावार्थ-नरकमें जो अति दुःसह दुःख होते हैं व तिर्यचोंमें, मानवों में व देवोंमें जो जो कष्ट ॐ होते हैं वे सब लोभ कषायके कारण होते हैं ऐसा समझकर जो लोभको मारता है वही धन्य है। ___ श्लोक-कोहाग्निः जलते जीवः, मिथ्यात्त्वं घृत तेलयं । कोहाग्नि कोपनं कृत्त्वा, धर्मरत्नं च दग्धये ॥ २५ ॥ अन्वयार्थ-(कोहाभिः) क्रोधकी आग (जीवः जलते) जब जीवके भीतर जल उठती है तब (मिथ्यात्व) १ मिथ्यात्व भाव (घृत तेढ्यं ) घी और तेलके समान पड़कर ( कोहामि कोपनं कृत्वा ) क्रोधकी अग्निको बढ़ा ४ देता है तब यह क्रोधकी आग (धर्मरत्नं च) धर्मरूपी रत्नको भी (दग्वये) जला देती है। विशेषार्थ-यहां अनंतानुबंधी क्रोधका स्वरूप बताया है। यह क्रोध जब उदय हो उठता है तष मिथ्यात्वका भाव उस क्रोधकी आगको भड़कानेके लिये घृत पा तेलका काम करता है। जैसे आगपर घी या तेल डालनेसे भाग बढ़ जाती है ऐसे ही मिथ्यात्वभाव क्रोधको प्रबल कर देता है४॥२७॥
SR No.600387
Book TitleTarantaran Shravakachar evam Moksh Marg Prakashak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTaranswami, Shitalprasad Bramhachari, Todarmal Pt
PublisherMathuraprasad Bajaj
Publication Year1935
Total Pages988
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size30 MB
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