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________________ चारणतरण ॥१८॥ देष लिप्त अधर्मका उपदेश देनेवाले हैं व कुअवधिज्ञान धारी हैं उन सबकी भी संगति नहीं करनी चाहिये न उमकी संगतिका विचार करना चाहिये । मन, वचन, कायसे मिथ्यात्वमें व तीन रागमें पटकनेवाली संगतिसे बचकर रहना चाहिये। अनन्तानुबन्धी व मिथ्यात्व कर्मके उदय होनेवाले निमित्त कारणोंको बचाना चाहिये। क्योंकि बहुतसे काँका उदय बाहरी निमित्तके आधीन होता है। जिन निमित्तोंसे सम्यक्त भाव दृढ होता जावे उन हीका प्रसंग सदा मन, वचन, कायसे करना चाहिये। सम्यक्तमें बाधाकारक प्रसंगोंसे माध्यस्थ भाव रखना चाहिये। सम्यग्दर्शनकी निर्मलताका उपाय दर्शनप्रतिमाघारीको भलेप्रकार करना चाहिये। श्लोक-मलमुक्तं दर्शनं शुद्धं, आराध्यते बुधजनैः । सम्यग्दर्शन शुद्धं च, ज्ञानं चारित्रसंजुतं ॥ ३९१ ॥ मन्वयार्थ—(मलमुक्तं दर्शनं शुद्ध) मल रहित शुद्ध सम्यग्दर्शन होता है उसीको (बुधजनैः माराध्यते) बुद्धिमानों को आराधन करना योग्य है ( सम्यग्दर्शन शुद्ध च) जहां सम्यग्दर्शन शुद्ध है वहां (ज्ञानं चारित्र संजुतं) ज्ञान और चारित्र भी शुद्ध है। विशेषार्थ-ज्ञान कितना भी हो यदि सम्यक्त शुद्ध नहीं है तो ज्ञान भी शुद्ध नहीं है। चारित्र कितना भी पाले, यदि सम्यग्दर्शन शुद्ध नहीं है तो चारित्र शुद्ध नहीं है। सम्यग्दर्शनके होते हुए ही ज्ञान सम्यग्ज्ञान और चारित्र सम्यग्चारित्र नाम पाता है। नहीं तो ग्यारह अंग नौ पूर्व तकका ज्ञान तथा श्रापकका अनेक प्रकारका चारित्र व मुनियोंका आचरण व तप सर्व ही मिथ्याज्ञान व मिथ्या चारित्र है। जहां अंतरंगमें मिथ्यात्वकी वासना होगी-विषयाकांक्षा होगी, ख्याति लाभ पूजादिकी चाह होगी वहीं सर्व ज्ञान व चारित्र मिथ्या कहलायगा। इसलिये यह बहुत आवश्यक है कि सम्यग्दर्शनकी शुद्धताको दृढ़तासे रखे। उसके दृढ रहनका उपाय यह है जैसा कि शांतिपाठमें कहा है शास्त्राम्यासो निनपदनतिः संगतिः सर्वदाय्य, सव्रतानां गुणगुणकथा दोषवादे च मौनं । सर्वस्यापि प्रियहितवचो भावना चास्मतत्त्वे । संपद्यतां मम भवभवे यावदेतेऽपवर्गः॥ भावार्थ-धर्मप्रेमी सम्यग्दर्शनके रक्षकको निरंतर यह भावना भानी चाहिये व ऐसा ही वर्ताव
SR No.600387
Book TitleTarantaran Shravakachar evam Moksh Marg Prakashak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTaranswami, Shitalprasad Bramhachari, Todarmal Pt
PublisherMathuraprasad Bajaj
Publication Year1935
Total Pages988
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size30 MB
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