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________________ बारणवरण श्रावकार ॥२१॥ मिथ्यात्वी मूढ दृष्टी च, संसारे भ्रमणं सदा ॥ २१२॥ अन्वयार्थ-(यस्य सम्यक्तं त्यक्तं च) जिसके सम्यग्दर्शन नहीं है (ये अनेक विभ्रम रताः) व जो अनेक प्रकार संकल्प विकल्पोंमें लीन हैं वे (मिथ्यात्वी मूढ दृष्टी च) मिथ्यात्वी बहिरात्मा हैं (सदा संसारे भ्रमण ) उनका सदा ही संसारमें भ्रमण होगा। विशेषार्थ-सम्यग्दर्शनका लाभ जिनको नहीं हुआ है वे रातदिन पर्याय बुद्धि ही रहते हैं। शरीरमें ही अपनापना कल्पना करते हैं, उनके हर समय परमें ममता रूप व देषरूप भाव रहता है। उनका उपयोग राग द्वेष भय सदा चंचल रहता है । वे आत्मज्ञानको न पाते हुए आरमांक आनन्दके स्वादसे विमुख, मूढबुद्धि व मिथ्या श्रद्धान सहित होते हैं। वे अनंतानुबंधी कषायके सम्बन्धसे नीची गति बांधकर संसारमें ही भ्रमण करते हैं। जो जिसका स्वागत करता है वही उसको प्राप्त होता है। संसारका स्वागत करनेवाला संसार बढाता है, मोक्षका स्वागत करनेवाला ४ संसारको हटाता है । इष्टोपदेशमें पूज्यपादस्वामी कहते हैं कर्म कर्महिताबन्धि जीवो जीवहितस्पृहः । स्वस्यप्रभावभ्यस्त्वे, स्वार्थ को वा न वांछति ॥ भावार्थ-कर्म अपने कर्मके हितको देखता है। जीव अपने जीवके हितको देखता है जिसका * प्रभाव जम जाता है वह अपने स्वार्थको चाहता है। मतलब यह है कि जब उपयोग आत्माकी तरफ प्रेमी होता है तब आत्माका हित होता है। जब उपयोग कर्मके उदयसे प्राप्त संसार, शरीर भोगोंमें नुरक्त होता है तब संसार बढ़ता है। सम्यक्तीके परिणामों में संसारसे उदासी है मोक्षकी तरफ उत्साह है। इससे वह संसारसे पार होजाता है। मिथ्यात्वी संसारसे प्रेमी है, मोक्षसे उदासीन है, इससे अपने संसारको बढा लेता है। श्लोक-सम्यक्तं ये उत्पादंते, शुद्ध धर्मरता सदा । दोषं तस्य न पश्यंते, रजनी उदय भास्करं ॥ २१३ ॥ अन्वयार्थ (ये सम्यक्त उत्पादते) जो सम्यग्दर्शनको उत्पन्न कर लेते हैं (सदा शुद्ध धर्मरताः) व निरंतर शुद्ध धर्ममें लीन रहते हैं (दोषं तस्य न पश्यते) उनके भीतर कोई दोष नहीं दिखलाई पड़ते हैं जैसे (भास्कर उदय रजनी) सूर्यके उदयसे रात्रिका अंधकार नहीं दिखता है।
SR No.600387
Book TitleTarantaran Shravakachar evam Moksh Marg Prakashak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTaranswami, Shitalprasad Bramhachari, Todarmal Pt
PublisherMathuraprasad Bajaj
Publication Year1935
Total Pages988
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size30 MB
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