SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 178
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ SAX व्याख्याप्रज्ञप्तिः अभयदेवीया वृत्तिः ॥४११॥ ५ शतके उदेशः ६ क्रियाविचारः मू०२०४ % किं आरंभिया किरिया कज्जइ परिग्गहिया. माया• अप०मिच्छा-१, गोयमा! आरंभिया किरिया कजइ | परि० माया० अपञ्च०, मिच्छादसणकिरिया सिय कनइ सिय नो कजह ॥ अह से भंडे अभिसमन्नागए | भवति, तओ से पच्छा सव्वाओ ताओ पयणुई भवंति ॥ गाहावतिस्स णं भंते ! तं भंडं विक्किणमाणस्स कतिए भंडे सातिजेजा, भडे य से अणुवणीए सिया, गाहावतिस्स ण भंते ! ताओ भंडाओ किं आरंभिया किरिया कन्जइ जाव मिच्छादसणकिरिया कज्जइ ? कइयस्स वा ताओ भंडाओ किं आरंभिया किरिया कजइ | जाव मिच्छादसणकिरिया कजइ ?, गोयमा! गाहावइस्स ताओ भंडाओ आरंभिया किरिया कज्जइ जाव अप-15 |चक्वाणिया, मिच्छादसणवत्तिया किरिया सिय कन्जइ सिय नो कजइ, कतियस्स णं ताओ सव्वाओ पयणुईभवति । गाहावतिस्स णं भंते ! भंडं विकिणमाणस्स जाव भंडे से उवणीए सिया, कतियस्स भंते ! ताओ भंडाओ किं आरंभिया किरिया कज्जति ?, गाहावइस्स वा ताओ भिंडाओ किं आरंभिया किरिया कज्जति !, गोयमा कइयस्स ताओ भंडाओ हेढिल्लाओ चत्तारि किरियाओ कजंति, मिच्छादसणकिरिया भयणाए, गाहावतिस्स ण ताओ सवाओ पयणुईभवति । गाहावतिस्स णं भंते ! भंडं जाव धणे य से अणुवणीए सिया?| | एवंपि जहा भंडे उवणीए तहा नेयव्वं चउत्थो आलावगो, धणे से उवणीए सिया जहा पढमो आलावगो भंडे य से अणुवणीए सिया तहा नेयम्वो, पढमचउत्थाणं एको गमो, वितियतइयाणं एको गमो ॥ अगणिकाए णं X भंते ! अहुणोजलिते समाणे महाकम्मतराए चेव महाकिरियतराए चेव महासवतराए चेव महावेदणतराए ॥४२१॥
SR No.600376
Book TitleVyakhyapragnapti Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAbhaydevsuri
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages367
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size31 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy