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________________ हण छिंद भिंद विगत्तगा लोहियपाणी चंडा रुद्दा खुद्दा साहस्सिया उंक्कुंचण-वंचण-मायानियडि-कूड-कवड-साइसंर्पओगबहुला दुस्सीला दुट्ठव्वया दुप्पडियाणंदा असाहू सव्वाओ पाणाइवायाओ अप्पडिविरया जावज्जीवाए जाव सव्वाओ परिग्गहाओ अप्पडिविरया जावज्जीवाए, सव्वाओ कोहाओ जाव मिच्छादसणसल्लाओ अप्पडिविरया, सव्वाओ ण्हाण-मद्दण-वण्णगविलेवण-सद्द-फरिस-रस-रूव-गंध-मल्लालंकाराओ अप्पडिविरया जावजीवाए, सव्वाओ सगड-रह-जाण-जुग्ग-गिल्लि-थिल्लि-सीय-संदमाणिय-सयणासण-जाण-वाहण-भोयणपवित्थरविहीओ अप्पडिविरया जावज्जीवाए, सव्वाओ कय-विक्कय- मास- ऽद्धमास-रूवगसंववहाराओ- अप्पडिविरया जावजीवाए, सव्वाओ हिरण्ण-सुवण्ण-धेण्ण- मणि-मोत्तियसंख-सिल-प्पवालाओ अप्पडिविरया जावजीवाए, सव्वाओ कूडतुलकूडमाणाओ अप्पडिविरया, सव्वाओ आरंभसमारंभाओ अप्पडिविरया, सव्वाओ करणकारावणाओ अप्पडिविरया, सव्वाओ पयण-पयावणाओ अप्पडिविरया, सव्वाओ कोट्टण-पिट्टण-तजण ॥५५॥ १ JAM उकंचण २BO संपउग० ३JAM Oभोग-भोयण ४JAM ONण-धण्ण० ५PIAM 'जावज्जीवाएं नास्ति B'कूडतुल' नास्ति
SR No.600365
Book TitleSutrakritang Sutra Dipika Dwitiya Vibhag
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarshkulgani
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year1993
Total Pages300
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size17 MB
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